प्रयागराज शब्दरंग: आगामी महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से आयोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था तैयार की है। यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में करीब 50 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आगमन की संभावना है। इस दौरान कुल छह शाही स्नान होंगे, जो महाकुंभ का प्रमुख आकर्षण हैं।
सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
डीजीपी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान सुरक्षा को लेकर विशेष कदम उठाए गए हैं। सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में निम्नलिखित शामिल हैं:
1. सीमा सुरक्षा: बाहरी इलाकों में सुरक्षा चेकपॉइंट्स।
2. प्रवेश द्वार निगरानी: मेले के प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर सख्त निगरानी।
3. भीड़ प्रबंधन: संगम तट और शाही स्नान स्थलों पर भीड़ नियंत्रण।
4. जल सुरक्षा: नावों और पंटून पुलों की सुरक्षा।
5. एंटी-ड्रोन और हवाई निगरानी।
6. साइबर सुरक्षा: ऑनलाइन खतरों पर नियंत्रण।
7. इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम: किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए।
साइबर स्पेस पर विशेष नजर
महाकुंभ को डिजिटल खतरों से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा पर जोर दिया गया है। डीजीपी ने बताया कि कॉलेज के छात्रों को डिजिटल वॉरियर्स के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। भारत सरकार के विभिन्न विभागों की मदद से साइबर स्पेस की निगरानी की जाएगी।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
डीजीपी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि महाकुंभ के दौरान वे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या राम मंदिर और विंध्याचल कॉरिडोर का दर्शन भी कर सकते हैं। इन सभी धार्मिक स्थलों को कुंभ यात्रा के साथ जोड़ते हुए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
महाकुंभ का महत्व और तैयारियां
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक होगा। लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद लेने आएंगे। यूपी पुलिस और प्रशासन ने इसे दुनिया का सबसे सुरक्षित धार्मिक आयोजन बनाने का संकल्प लिया है।