उप्र शब्दरंग। प्रयागराज, 8 जनवरी 2025:भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपरा के प्रतीक महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक संगम नगरी प्रयागराज में होने जा रहा है। इस दिव्य, भव्य एवं नव्य महाकुंभ के लिए औद्योगिक मंत्री श्री पीयूष गोयल को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है।महाकुंभ 2025, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक मार्गदर्शन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यशस्वी नेतृत्व में “विरासत के साथ विकास” के मंत्र को साकार करते हुए आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन को यात्री सुविधा, सुगमता और तकनीकी श्रेष्ठता की दृष्टि से अद्वितीय बनाने का प्रयास किया गया है।संगम नगरी का नया स्वरूप:संगम तट और प्रयागराज शहर को इस महायोजन के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं और अवसंरचना से सजाया गया है। देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के स्वागत और उनकी यात्रा को यादगार बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर अग्रसर भारत:श्री पीयूष गोयल, जिनके सक्षम नेतृत्व में भारत के औद्योगिक क्षेत्र ने नई ऊंचाइयां हासिल की हैं, को इस आयोजन में आमंत्रित कर सम्मानित किया जाएगा। उनकी नीतियों और योगदान ने भारत को माननीय प्रधानमंत्री के फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर किया है।
महाकुंभ 2025 का महत्व:
यह आयोजन न केवल भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है, बल्कि यह विश्वभर से श्रद्धालुओं को एकजुट करने और भारत की विविधता में एकता को प्रदर्शित करने का माध्यम भी है।महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालु संगम तट पर गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। इस आयोजन को ऐतिहासिक और स्मरणीय बनाने के लिए संगम नगरी में नए कलेवर में स्वागत किया जाएगा।
संस्कृति और परंपरा के साथ आधुनिकता का संगम:
सरकार ने महाकुंभ को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने के लिए आधुनिक तकनीक और परंपरागत सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मिलन किया है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, और सुरक्षित यात्रा का प्रबंध किया गया है।समापन:महाकुंभ 2025 का आयोजन न केवल भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगा, बल्कि देश की विकास यात्रा को भी रेखांकित करेगा।