संभाजीनगर, 18 अप्रैल 2025, शब्दरंग समाचार: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर पहुंचे, जहाँ उन्होंने महान योद्धा महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज और अन्य वीरों की वीरता और देशभक्ति को याद करते हुए, औरंगजेब को “क्रूर और धर्मांध शासक” बताया।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “महाराणा प्रताप इतिहास के ऐसे महानायक हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के मान, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।” उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी और छत्रपति संभाजी जैसे वीरों ने कभी भी अपने व्यक्तिगत हितों के लिए युद्ध नहीं किए, बल्कि राष्ट्र की संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लड़े।
औरंगजेब पर सीधा हमला
राजनाथ सिंह ने कहा कि “कुछ लोग औरंगजेब को हीरो बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो गलत है।” उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने दारा शिकोह की हत्या की, हिंदुओं पर जजिया कर लगाया, और कई मंदिरों को नष्ट किया। उन्होंने सवाल उठाया कि “ऐसा शासक कैसे किसी का नायक हो सकता है?” साथ ही उन्होंने पंडित नेहरू के हवाले से बताया कि नेहरू ने भी औरंगजेब को कट्टर और धर्मांध कहा था।
धर्म और राजनीति पर स्पष्टता
राजनाथ सिंह ने कहा, “हम मजहब की राजनीति नहीं करते। हमारे आदर्श इस्लाम या मुसलमान विरोधी नहीं थे। महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज की सेनाओं में मुस्लिम समाज के लोग भी थे।” उन्होंने हकीम खान सूर और मदारी जैसे मुस्लिम योद्धाओं का उदाहरण दिया जो महाराणा और शिवाजी के विश्वासपात्र थे।
इतिहास के नायकों का सम्मान जरूरी
उन्होंने कहा कि इतिहास के मूल्यांकन का कार्य इतिहासकारों का है, लेकिन जनता ने महाराणा प्रताप को अपना जननायक माना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में कुछ लोग औरंगजेब जैसे आक्रमणकारियों की तारीफ करके मुस्लिम समुदाय का समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह स्वयं उस समुदाय का अपमान है।
पाकिस्तान और आक्रमणकारी नामों पर टिप्पणी
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, “पाकिस्तान ने अपनी मिसाइलों के नाम बाबर, गजनवी और तैमूर जैसे आक्रमणकारियों के नाम पर रखे हैं। हमें पाकिस्तान की सोच समझ में आती है, लेकिन हमारे देश में ऐसे नामों को महिमा मंडित करना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
शिवाजी और प्रताप की ऐतिहासिक प्रेरणा
राजनाथ सिंह ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने महाराणा प्रताप को अपना आदर्श माना और उनकी गुरिल्ला युद्धनीति से प्रेरणा ली। स्वतंत्रता संग्राम के समय भी रास बिहारी बोस और सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारी महाराणा प्रताप से प्रेरणा लेते थे।
राजनाथ सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में इतिहास को लेकर बहस जारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की प्रेरणा उन योद्धाओं से है जिन्होंने राष्ट्र के लिए लड़ा, न कि उन आक्रमणकारियों से जिन्होंने इसे लूटा।







