नई दिल्ली। शब्दरंग समाचार
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह को अचानक तबीयत बिगड़ने पर एम्स की आपातकालीन इकाई में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।
डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर उनके दिल्ली स्थित आवास, मोतीलाल नेहरू मार्ग पर रखा गया है, जहां आज आम जनता और विशिष्टजन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी ने उनके सम्मान में 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, जिसके दौरान सभी सरकारी संस्थानों में तिरंगा झुका रहेगा।
अंतिम संस्कार शनिवार को होगा
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम यात्रा के दौरान राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। अंतिम संस्कार स्थल का चयन उनकी धार्मिक आस्थाओं और परिवार की सहमति से किया जाएगा।
देशभर में शोक
डॉ. सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम राजनेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं, जिसमें 28 दिसंबर को होने वाला पार्टी का स्थापना दिवस भी शामिल है।
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह देश के पहले गैर-नेहरू-गांधी परिवार से दो बार प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और वैश्विक मंच पर भारत की पहचान को मजबूत करने के लिए याद किया जाएगा।
अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल
पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार के दौरान राजकीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। उनके सम्मान में सैन्य बैंड की परंपरागत धुनों के साथ सशस्त्र बलों के जवान अंतिम यात्रा का हिस्सा बनते हैं। अंतिम संस्कार आमतौर पर दिल्ली के स्मारकीय स्थलों पर किया जाता है।
आज सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट की विशेष बैठक में डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी। देशभर से लोग और नेता उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। उनके निधन से देश ने एक सच्चा राजनेता और दूरदर्शी नेता खो दिया है।