
सरकार ने आयकर प्रणाली को सरल और करदाताओं के लिए अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से नया आयकर विधेयक, 2025 तैयार किया है, जिसे आज संसद में पेश किए जाने की संभावना है।
मुख्य विशेषताएँ:
- सरल भाषा और संरचना: विधेयक में जटिल शब्दावली को हटाकर सरल भाषा का उपयोग किया गया है। उदाहरण के लिए, ‘आकलन वर्ष’ और ‘पूर्व वर्ष’ जैसे शब्दों की जगह ‘कर वर्ष’ की अवधारणा लाई गई है।
- संक्षिप्त और सुव्यवस्थित: नए विधेयक में 536 धाराएँ, 23 अध्याय, और 16 अनुसूचियाँ हैं, जो कुल 622 पृष्ठों में समाहित हैं।
- अनावश्यक प्रावधानों का निष्कासन: फ्रिंज बेनेफिट टैक्स जैसे अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाया गया है, जिससे कानून अधिक प्रासंगिक और समझने में आसान हो गया है।
- तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग: विधेयक में स्पष्टीकरण या शर्तों के बजाय तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग किया गया है, जिससे करदाताओं के लिए प्रावधानों को समझना आसान होगा।
- करदाता चार्टर का समावेश: करदाताओं के अधिकारों और दायित्वों को स्पष्ट करने के लिए एक करदाता चार्टर शामिल किया गया है।
वेतन से संबंधित कटौतियों का सरलीकरण: मानक कटौती, ग्रेच्युटी, और अवकाश नकदीकरण जैसी कटौतियों को एक ही स्थान पर सारणीबद्ध किया गया है, जिससे करदाताओं को जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी।
नए आयकर विधेयक, 2025 के 1 अप्रैल, 2026 से लागू होने की उम्मीद है। विधेयक के संसद में पेश होने के बाद, इसे आगे की समीक्षा और विचार-विमर्श के लिए वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। इस विधेयक का उद्देश्य आयकर कानूनों को अधिक पारदर्शी, सरल, और करदाताओं के लिए समझने योग्य बनाना है, जिससे कर अनुपालन में वृद्धि होगी और करदाताओं के लिए प्रक्रिया आसान होगी।