
लखनऊ।23 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
उत्तर प्रदेश में निकांत जैन रिश्वत मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। सोलर उपकरण बनाने वाली एक कंपनी से एक करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार निकांत जैन को आखिरकार कोर्ट से जमानत मिल गई है। यह मामला तब सामने आया जब कंपनी ने उत्तर प्रदेश में अपनी इकाई लगाने के लिए सरकारी मंजूरी की प्रक्रिया शुरू की थी।
इस पूरे घटनाक्रम की SIT ने गहराई से जांच की और कोर्ट में लगभग 1600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। अब जब विशेष न्यायालय ने आरोपी को जमानत दी है, यह मामला एक नए मोड़ पर आ गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह रिश्वत केस क्या है, कोर्ट ने क्या कहा, और SIT की रिपोर्ट में क्या प्रमुख बिंदु सामने आए।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश में सोलर ऊर्जा के उपकरण बनाने वाली एक कंपनी की इकाई लगाने के नाम पर एक करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार निकांत जैन को शुक्रवार को कोर्ट से जमानत मिल गई। यह मामला भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में से एक माना जा रहा है।
SIT की जांच और चार्जशीट
विशेष जांच दल (SIT) ने इस केस में लगभग 1600 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपों के अनुसार, निकांत जैन ने कंपनी से उत्तर प्रदेश में इकाई लगाने के लिए आवश्यक सरकारी मंजूरियों में मदद करने के बदले एक करोड़ की मांग की थी।
कोर्ट का फैसला: जमानत मंजूर, कस्टडी से इंकार
भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह ने पुलिस की कस्टडी रिमांड की अर्जी को खारिज करते हुए निकांत जैन को जमानत प्रदान कर दी। कोर्ट ने यह भी कहा कि अभियोजन को अब मामले के ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे।
क्या कहा था SIT ने?
SIT ने चार्जशीट में आरोप लगाया कि निकांत जैन ने सरकारी प्रक्रियाओं को अपने पक्ष में करने के लिए कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाया और धन की मांग की। एसआईटी ने अपने बयान में इसे एक “पूर्व नियोजित और सुनियोजित भ्रष्टाचार की योजना” बताया।