
शब्दरंग समाचार: बिहार की सियासत में बड़ा हलचल देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को एक और झटका लगा है। जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही बीते दो दिनों में पार्टी के तीन नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है।
तबरेज सिद्दीकी ने अपने इस्तीफे में वक्फ संशोधन विधेयक पर जेडीयू के समर्थन को वजह बताया है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा कि, “इस विधेयक का समर्थन कर आपने उस मुस्लिम समाज के साथ विश्वासघात किया है, जो 19 वर्षों से पार्टी का समर्थन करता आया है।”
उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने की घोषणा की और दावा किया कि यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जेडीयू को भारी पड़ेगा।
सिद्दीकी का कहना है कि जेडीयू में जल्द ही और भी नेताओं की भगदड़ मच सकती है। इसके पहले मोहम्मद कासिम अंसारी और मोहम्मद शाहनवाज मलिक भी इस्तीफा दे चुके हैं।
- मुख्य बातें:
- तबरेज सिद्दीकी ने वक्फ बिल पर पार्टी के रुख को बताया “धोखा”
- इस्तीफा नीतीश कुमार और प्रदेश अध्यक्ष को भेजा गया
- पार्टी में अल्पसंख्यक नेताओं का असंतोष सतह पर
- बिहार चुनाव 2025 में असर दिखने की बात कही
विश्लेषण:
पार्टी में लगातार हो रहे इस्तीफे नीतीश कुमार की नेतृत्व शैली और फैसलों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं की नाराज़गी जेडीयू के सामाजिक समीकरणों पर असर डाल सकती है।
