
नई दिल्ली।20 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी विदेश नीति को लेकर घेरा है। उन्होंने सवाल उठाया कि 11 सालों में 151 अंतरराष्ट्रीय यात्राएं और 72 देशों का दौरा करने के बावजूद भारत को वैश्विक समर्थन क्यों नहीं मिला?
11 साल, 151 यात्राएं: आंकड़ों से कांग्रेस का वार
खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 11 वर्षों में 151 अंतरराष्ट्रीय यात्राएं, 72 देशों का दौरा किया और 10 बार अमेरिका भी गए। इसके बावजूद जब भारत को पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करने की जरूरत थी, तब कोई भी देश भारत के साथ खड़ा नहीं हुआ। खरगे ने यह भी कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1.4 बिलियन डॉलर का लोन दिया, तब भी किसी देश ने भारत के रुख का समर्थन नहीं किया। उन्होंने इसे भारत की विदेश नीति की विफलता बताया।
“क्या विदेश नीति सिर्फ फोटो खिंचवाने तक सीमित है?”
खरगे ने कटाक्ष करते हुए कहा:
“क्या प्रधानमंत्री का काम सिर्फ विदेश जाकर फोटो खिंचवाना रह गया है?”
उनका दावा है कि इतने वर्षों की विदेश नीति के बाद भी भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग दिखाई दे रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप की ‘मध्यस्थता’ और भारत की चुप्पी
खरगे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को लेकर भी नाराजगी जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराया। ट्रंप ने यह दावा कम से कम सात बार दोहराया।
खरगे का कहना है कि:
* भारत सरकार ने देश की जनता को इस पर कोई स्पष्टता नहीं दी
* आतंकवाद के खिलाफ जब सेना कार्रवाई कर रही थी, तब युद्ध विराम की घोषणा कर दी गई
कांग्रेस के आरोपों का सार
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं बहुत अधिक रही हैं, लेकिन उनका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। पाकिस्तान को बेनकाब करने के प्रयासों में भी भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन नहीं मिला। इसके अलावा, कांग्रेस ने आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को लोन दिए जाने को लेकर भी आपत्ति जताई है, जहां भारत के विरोध के बावजूद लोन पास कर दिया गया। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप की कथित मध्यस्थता के दावों पर सरकार की चुप्पी को भी कांग्रेस ने देश की छवि के लिए हानिकारक बताया। कुल मिलाकर पार्टी का मानना है कि मोदी सरकार की कमजोर कूटनीति के कारण भारत के राष्ट्रीय सम्मान को नुकसान हुआ है।