नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 43 वर्षों में कुवैत का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनकी दो दिवसीय यात्रा का उद्देश्य भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान कुवैत के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे, भारतीय श्रमिक शिविरों का दौरा करेंगे, भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे, और गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे।
यात्रा का महत्व
यह दौरा न केवल भारत-कुवैत संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत करेगा, बल्कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के साथ भारत के संबंधों को भी मजबूती प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री के साथ वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भी कुवैत गया है, जो रक्षा, व्यापार, और निवेश जैसे क्षेत्रों में नए समझौतों पर चर्चा करेगा।
मुख्य कार्यक्रम:
1. द्विपक्षीय वार्ता:पीएम मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में द्विपक्षीय निवेश संधि और रक्षा सहयोग समझौते पर चर्चा होने की संभावना है।
2. भारतीय समुदाय को संबोधन:प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं व योगदान पर चर्चा करेंगे।
3. श्रमिक शिविर का दौरा:पीएम मोदी कुवैत में भारतीय श्रमिकों से मिलने उनके शिविर का दौरा करेंगे। यह कदम श्रमिकों के कल्याण को लेकर भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
4. गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट:प्रधानमंत्री गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। यह कदम खेल और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच मौजूदा संबंध मजबूत होंगे और नए क्षेत्रों में सहयोग के रास्ते खुलेंगे। भारत और जीसीसी के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत जारी है।
कुवैत का महत्व
कुवैत में लाखों भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों का आधार हैं। कुवैत भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और ऊर्जा आपूर्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मोदी की यह ऐतिहासिक यात्रा भारत-कुवैत संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करेगी। रक्षा, व्यापार, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ, यह यात्रा दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।