संवाददाता समाचार: अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरगाह पर चढ़ाने के लिए एक विशेष चादर भेजी है। यह चादर 4 जनवरी को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा दरगाह पर पेश की जाएगी। यह परंपरा भारत के प्रधानमंत्रियों द्वारा वर्षों से निभाई जाती रही है और इसे सांप्रदायिक सौहार्द और देश की विविधता को सम्मान देने का प्रतीक माना जाता है।
प्रधानमंत्री की पहल का स्वागत
अजमेर शरीफ दरगाह के प्रमुख नसीरुद्दीन चिश्ती ने प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजे जाने को स्वागत योग्य कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह उन लोगों को करारा जवाब है जो धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश को मंदिर-मस्जिद के विवादों की नहीं, बल्कि शांति और एकता की जरूरत है।
बीजेपी की छवि और विवाद
प्रधानमंत्री की इस पहल को कुछ हलकों में विवादों से भी जोड़ा जा रहा है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने इसे अजमेर दरगाह के विवादित इतिहास से जोड़ते हुए चादर भेजने को स्थगित करने की मांग की। वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने इस पर चुटकी लेते हुए पूछा कि क्या बीजेपी अपनी विचारधारा बदल रही है।
देश की संस्कृति का सम्मान
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री 2014 से लगातार इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। यह पहल देश की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रति प्रधानमंत्री के सम्मान को दर्शाती है। उन्होंने इसे सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का संदेश बताया।
अजमेर शरीफ दरगाह की ऐतिहासिक परंपरा
अजमेर शरीफ दरगाह, जहां हर साल उर्स के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं, भारत की धार्मिक विविधता और सहिष्णुता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चादर भेजने को दरगाह के खादिम और चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने एकता, मोहब्बत और अमन का तोहफा बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर शरीफ के उर्स पर चादर भेजने की यह परंपरा सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करने का प्रतीक है। यह कदम धार्मिक विविधता और सहिष्णुता के मूल्यों को मजबूती देता है। हालांकि, इसे लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विवाद सामने आए हैं, लेकिन यह पहल देशवासियों के बीच मोहब्बत और अमन का संदेश देने में कामयाब मानी जा रही है।