पटना: बिहार की राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आर्थिक अपराध इकाई के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल राज्य में साइबर अपराध के तहत नौ हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें डीजिटल ठगी के 320 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें कुल साढ़े दस करोड़ रुपये की ठगी हुई है। हालांकि, इनमें से मात्र डेढ़ करोड़ रुपये की राशि ही रिकवर की जा सकी है।
10 गुना बढ़े डिजिटल अरेस्ट के मामले
राज्य के सभी 40 साइबर थानों में डिजिटल ठगी और उससे संबंधित अपराधों में 10 गुना की बढ़ोतरी देखी गई है। इन मामलों में कई लोग सीधे ठगों के निशाने पर आ गए, जिससे करोड़ों की चपत लगी है।
जागरूकता अभियान चलाया जा रहा
आर्थिक अपराध इकाई ने इस बढ़ती समस्या को देखते हुए राज्य के सभी साइबर थानों में व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है। आम जनता को यह बताया जा रहा है कि कोई भी जांच एजेंसी या पुलिस अधिकारी फोन पर बयान दर्ज नहीं करते हैं।
फर्जी कॉल और संदेशों से रहें सतर्क
लोगों को सचेत किया गया है कि स्काइप, व्हाट्सएप कॉल, या अन्य डिजिटल माध्यमों से आने वाले संदिग्ध कॉल्स और संदेशों का जवाब न दें। पुलिस या किसी एजेंसी की ओर से कॉल के दौरान अन्य लोगों से बात करने से कभी नहीं रोका जाता।
संदिग्ध मामलों में तुरंत करें शिकायत
ऐसे मामलों में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके जानकारी दें। अनजान नंबरों से आने वाले कॉल्स को नजरअंदाज करें और किसी भी संदिग्ध मैसेज का उत्तर न दें।
साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए कदम उठाने की आवश्यकता
सरकार और प्रशासन की ओर से साइबर अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने और तकनीकी सुरक्षा मजबूत करने की मांग की जा रही है। जनता को सतर्क रहने और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि साइबर ठगी के मामलों में कमी लाई जा सके।