शब्दरंग समाचार : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल भुगतान को और सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब प्रीपेड भुगतान उपकरणों (PPI) को थर्ड पार्टी UPI एप्लिकेशनों (जैसे PhonePe, Google Pay) के माध्यम से उपयोग करने की अनुमति दी गई है। यह कदम देश में डिजिटल लेनदेन को और अधिक सरल, सुरक्षित और व्यापक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
क्या है PPI और UPI का एकीकरण?
PPI (प्रीपेड भुगतान उपकरण): यह एक वित्तीय उपकरण है जिसमें उपयोगकर्ता अपने डिजिटल वॉलेट या कार्ड में धन संग्रहीत कर सकते हैं और इसे लेनदेन के लिए उपयोग करते हैं।
UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस): यह एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है जो सीधे बैंक खाते से तुरंत भुगतान की सुविधा देता है।
नए नियम के तहत, अब पूर्ण-केवाईसी PPI धारक UPI के माध्यम से थर्ड पार्टी एप्लिकेशन का उपयोग करके भुगतान कर सकेंगे।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
- PPI हैंडल का उपयोग:
PPI को एक विशिष्ट UPI हैंडल से जोड़ा जाएगा। यह उपयोगकर्ताओं को विभिन्न थर्ड पार्टी UPI एप्लिकेशन के माध्यम से भुगतान करने की सुविधा देगा। - सुरक्षा और प्रमाणीकरण:
सभी लेनदेन PPI क्रेडेंशियल्स के माध्यम से प्रमाणित होंगे। इससे लेनदेन अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगा। - PPI जारीकर्ताओं की भूमिका:
PPI जारीकर्ता पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) के रूप में कार्य करेंगे और केवल अपने पूर्ण-केवाईसी ग्राहकों को इस सुविधा का लाभ देंगे।
उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों को लाभ:
- बेहतर सुविधा: उपयोगकर्ता अपनी पसंद के किसी भी UPI एप का उपयोग करके भुगतान कर सकेंगे।
- व्यापारियों के लिए सरलता: छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान को अपनाना और भी आसान होगा।
- प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: विभिन्न UPI एप्स के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से नई सुविधाओं का विकास होगा।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
RBI का यह कदम न केवल डिजिटल भुगतान प्रणाली को सशक्त बनाएगा, बल्कि कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में एक और मजबूत कदम साबित होगा। सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए, यह पहल देश में डिजिटल लेनदेन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
PPI और UPI का यह एकीकरण न केवल उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधा बढ़ाएगा बल्कि डिजिटल भुगतान प्रणाली में नई क्रांति का सूत्रपात करेगा। RBI का यह फैसला डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने में एक अहम भूमिका निभाएगा।