शब्दरंग समाचार: प्रयागराज में महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। निरंजनी अखाड़े के साधु-संतों के साथ साध्वी बनने का दावा करने वाली अभिनेत्री हर्षा रिछारिया भी इस अमृत स्नान में शामिल हुईं। उनकी उपस्थिति और साध्वी बनने के दावे ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।
हर्षा रिछारिया का दावा और विवाद
30 वर्षीय हर्षा रिछारिया ने खुद को आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंदगिरि महाराज की शिष्या बताया है। उनका दावा है कि वह पिछले दो वर्षों से सन्यासी जीवन जी रही हैं। हालाँकि, उनकी पुरानी तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद लोग उनकी नीयत पर सवाल उठा रहे हैं।
सोशल मीडिया प्रतिक्रिया:
एक यूजर ने लिखा, “हर्षा रिछारिया केवल प्रसिद्धि पाने के लिए साध्वी का वेश धारण कर रही हैं।”
एक अन्य ने उनकी पुरानी तस्वीरों को साझा करते हुए कहा, “दो महीने पहले बैंकॉक में शो कर रही थीं, और अब साध्वी बन गईं।”
हर्षा का पक्ष
महाकुंभ के दौरान एक इंटरव्यू में जब उनसे उनकी सुंदरता को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “मैंने जो जीवन पीछे छोड़ दिया, उसे पूरी तरह त्यागकर यह वेश धारण किया है।” उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि 16 साल की उम्र से वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं।
वायरल तस्वीरें और वीडियो
सोशल मीडिया पर उनकी पुरानी तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। इनमें वह विदेशों में घूमती और फिल्मी गानों पर डांस करती दिख रही हैं। इन तस्वीरों को लेकर लोग उनके सन्यास के दावे पर सवाल उठा रहे हैं।
संघर्ष और आलोचना
हर्षा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि वह जीवन में कई कठिन दौर से गुजरी हैं। उन्होंने साध्वी बनने के अपने फैसले को अपनी निजी आस्था और आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बताया।
सोशल मीडिया पर चर्चा
कई लोग उनके सन्यास पर सवाल उठा रहे हैं।कुछ समर्थकों का मानना है कि व्यक्ति का अतीत उसके वर्तमान को परिभाषित नहीं करता।कई लोगों ने साध्वी बनने के उनके फैसले की सराहना की है।
महाकुंभ और हर्षा की उपस्थिति
महाकुंभ में हर्षा की मौजूदगी ने उनकी पहचान को नई चर्चा का केंद्र बना दिया है। उनकी सुंदरता और कथित सन्यास ने उन्हें सोशल मीडिया पर चर्चित कर दिया है।