शब्दरंग समाचार। संभल में पुराने मंदिरों और कुओं की चल रही तलाश के बीच शाही मस्जिद कमेटी ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में मस्जिद की एंट्री.. सीढ़ियों के पास मौजूद कुएं को लेकर यथास्थिति बनाए रखने की मांग की गई है. अर्जी में कहा गया है कि जिला प्रशासन आजकल पुराने मंदिर और कुओं की तलाश में जुटा है. इसी क्रम में 32 पुराने मंदिरों का पुनरुद्धार किया है. 19 कुओं को इस्तेमाल और पूजा अर्चना के लिए फिर से चालू किये जाने के लिए चिन्हित किया गया है. मस्जिद कमेटी को आशंका है कि मस्जिद के पास मौजूद कुआं भी इस लिस्ट में शामिल हो सकता है.इसके मद्देनजर कमेटी ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट जिला प्रशासन को निर्देश दे कि मस्जिद की एंट्री के पास मौजूद कुएं को लेकर यथास्थिति बनाई रखी जाए. मस्जिद कमेटी का कहना है कि यह कुआं मस्जिद परिसर में आता है. अगर इसे पूजा अर्चना के लिए खोला जाता है तो ये इलाके में शांति-सद्भावना के लिए ठीक नहीं रहेगा. मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में जिला प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़ा किया है. कमेटी का कहना है कि इससे पहले मस्जिद कमेटी ने जब सर्वे की इजाज़त देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था,तब सुप्रीम कोर्ट ने इलाके में क़ानून व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया था.यूपी सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज ने तब कोर्ट को इस बारे में आश्वस्त भी किया था कि प्रशासन शांति व्यवस्था कायम रखेगा…हालांकि 29 नवंबर के बाद जिला प्रशासन की ओर से जो एक्शन लिए गए है, वो शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुकूल नहीं माने जा सकते. जिला प्रशासन की ओर से आजकल पुराने मंदिर और कुओं की तलाश चल रही है. कमेटी का कहना है कि हालांकि उसकी चिंता सिर्फ मस्जिद से लगे कुएं की है. वहां पर अगर कोई कार्रवाई होती है, इसे पूजा अर्चना के लिए खोला जाता है तो यह इलाके में शांति व्यवस्था के लिए ठीक नहीं होगा.
भव्य राम मंदिर का निर्माण मोदी/योगी के शासन में ही क्यों हो पाया
Share this Newsशब्दरंग समाचार: क्या आपने कभी इस विषय पर चिंतन किया है, राम भक्तो की लगभग 500 वर्षों की तपस्या, संघर्ष, त्याग, बलिदान और धैर्य के बाद भव्य राम…
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