लखनऊ के सहकारिता भवन में उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी और मसूदिया गरीब नवाज़ सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन हुआ। इस अदबी महफ़िल में देश के नामचीन शायरों और कवियों ने अपने कलाम से समां बांधा।कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिष्ठित शायर असरार अहमद, वासिफ फारुखी, डॉक्टर हरिओम (आईएएस), उस्मान मीनाई, सज्जाद झंझट, मोहम्मद अली साहिल, अबुजर नावेद, अभिष्रेष्ठ तिवारी और अफरोज़ अक़रम की ग़ज़लों और शायरी से हुई।कार्यक्रम में डॉक्टर हरिओम की मखमली आवाज़ में प्रस्तुत उनकी प्रसिद्ध ग़ज़ल “सिकंदर हूँ मगर हारा हुआ हूँ” ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। शायरों की शायरी और ग़ज़लों पर बार-बार “वाह-वाह” की आवाज़ गूंज उठी।महिलाओं की ओर से कवयित्री शिखा श्रीवास्तव ने अपनी भावनात्मक रचना “जिंदगी मोतबर चाहती हूँ, आपकी एक नज़र चाहती हूँ…” सुनाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया।मुशायरे का संचालन मशहूर शायर शहबाज तालिब ने किया। कार्यक्रम में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने मुख्य अतिथि के रूप में सभी अतिथियों का स्वागत किया।कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षता कर रहे वासिफ फारुखी ने अपने कलाम से इस साहित्यिक संध्या का समापन किया। यह अदबी शाम साहित्य प्रेमियों के लिए यादगार साबित हुई।
शब्दरंग स्टूडियो में आज का व्यस्त दिन: पॉडकास्ट और हनुमान चालीसा पर विशेष जानकारी
Share this News शब्दरंग साहित्य। लखनऊ। आज शब्दरंग स्टूडियो में एक सक्रिय और रचनात्मक माहौल देखने को मिला। दिनभर में कई महत्वपूर्ण शूटिंग हुईं, जिनमें धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक विषयों…