नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर सोमवार को स्वर्ण मंदिर के बाहर हमला हुआ। हमले के दौरान मौजूद एक हमलावर ने गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन समय रहते वहां उपस्थित लोगों ने हमलावर को पिस्तौल सहित पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
सजा के दौरान हुआ हमला
सुखबीर सिंह बादल पर हमला उस समय हुआ जब वह अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई गई सजा को पूरा कर रहे थे। उन्हें डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को माफी और बेअदबी के मामलों को लेकर यह सजा सुनाई गई थी।
अकाल तख्त ने सुनाई थी सेवा की सजा
अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को आदेश दिया था कि वह स्वर्ण मंदिर में सेवा करेंगे। इस सजा के तहत उन्हें एक घंटा बाथरूम साफ करना, लंगर घर में जूठे बर्तन धोना, और श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना था। इसके अतिरिक्त, वह घंटाघर के बाहर व्हीलचेयर पर ड्यूटी करने के लिए बाध्य थे।
सुरक्षा पर उठे सवाल
घटना के बाद स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस हमले के समय मीडिया कर्मी और अन्य लोग भी वहां मौजूद थे। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और आरोपी से पूछताछ की जा रही है।यह घटना पंजाब की राजनीति और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई बहस छेड़ सकती है।