नई दिल्ली, शब्दरंग समाचार:
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CRPF, BSF, ITBP, SSB, CISF, NDRF) में वरिष्ठ पदों पर आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की नीति की समीक्षा करे और अगले दो वर्षों में ऐसे पदों पर उनकी नियुक्तियों को न्यूनतम करे। कोर्ट ने कहा कि इन बलों की ऑपरेशनल और फंक्शनल जरूरतों को देखते हुए कैडर अधिकारियों को वरीय पदों तक पहुंचने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।
वर्तमान व्यवस्था में दोहरापन
अभी इन बलों में असिस्टेंट कमांडेंट से लेकर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) तक कैडर के अधिकारी पदस्थ होते हैं, जबकि इंस्पेक्टर जनरल (IG) से डायरेक्टर जनरल (DG) स्तर तक अधिकतर पदों पर IPS अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किए जाते हैं। कोर्ट का मानना है कि यह व्यवस्था कैडर अधिकारियों के करियर ग्रोथ में बाधा बन रही है।
कैडर भर्ती और जिम्मेदारियाँ
कैडर अधिकारियों की भर्ती UPSC द्वारा आयोजित एक अलग परीक्षा (CAPF AC) से होती है, जबकि IPS अधिकारी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आते हैं। बलों की जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
CRPF – आंतरिक सुरक्षा
BSF – पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमाओं की सुरक्षा
ITBP – चीन सीमा की सुरक्षा
SSB – नेपाल और भूटान सीमा
CISF – संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा
NDRF – आपदा प्रबंधन
समीक्षा की मांग
हाल के वर्षों में कुछ कैडर अधिकारियों को ADG स्तर तक प्रमोशन मिला है, लेकिन यह संख्या अत्यंत कम रही है। इसी कारण यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जहां से गृह मंत्रालय को कैडर रिव्यू का निर्देश दिया गया।
यह फैसला केंद्रीय बलों में सेवा कर रहे हजारों अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो वर्षों की सेवा के बावजूद शीर्ष पदों तक नहीं पहुंच पाते। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से अब संभव है कि भविष्य में इन कैडर अधिकारियों को भी उच्च नेतृत्व पदों पर मौका मिले।