
नई दिल्ली।2 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में रेत माफिया के खिलाफ रिपोर्टिंग करने वाले दो पत्रकारों की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जता दी है। पत्रकारों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने रेत माफिया के इशारे पर उन्हें थाने में पीटा और अब गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है।
याचिका में क्या है मामला?
पत्रकारों के वकील ने जस्टिस संजय करोल और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के सामने यह मामला रखा। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता पत्रकारों की भिंड पुलिस थाने में बुरी तरह पिटाई की गई, जिसकी वजह से उन्हें दिल्ली आकर शरण लेनी पड़ी।
वकील ने दावा किया कि पत्रकार केवल अपना काम कर रहे थे और रेत माफिया के खिलाफ लगातार रिपोर्टिंग कर रहे थे, जिससे माफिया नाराज था।
पत्रकारों ने मांगी सुरक्षा, गिरफ्तारी का डर
याचिका में सुरक्षा की मांग की गई है और यह आशंका भी जताई गई है कि भिंड पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। इस पर पीठ ने पूछा कि वे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?
वकील ने उत्तर दिया कि याचिकाकर्ता फिलहाल दिल्ली में हैं और उनके पास संसाधन नहीं हैं जिससे हाईकोर्ट जा सकें।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने की निंदा
वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की।
सुप्रीम कोर्ट ने दी सुनवाई की अनुमति
इन तर्कों को सुनने के बाद पीठ ने याचिका को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी, जिससे यह मामला अब शीर्ष अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा।