
नई दिल्ली/टोक्यो/वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा, मैक्सिको और चीन पर भारी टैरिफ़ लगाने की घोषणा के बाद दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में जबरदस्त हलचल देखी जा रही है। इस फैसले ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा दिया है, जिससे एशियाई और अमेरिकी बाज़ारों में भारी गिरावट आई है।
जापान से अमेरिका तक गिरावट का दौर
मंगलवार को जापान के निक्केई 225 में 1.8% की तेज़ गिरावट देखी गई, जो इस उथल-पुथल का सबसे बड़ा संकेतक है। हांग कांग का हैंग सेंग इंडेक्स और ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 दोनों 0.8% तक लुढ़क गए, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी बाज़ार स्थिर (‘फ्लैट’) बना रहा।
अमेरिका में भी सोमवार को शेयर बाज़ार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल है।
भारत पर भी दिखा असर, सेंसेक्स में गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में आई इस हलचल का असर भारतीय शेयर बाज़ार पर भी साफ दिखा। मंगलवार को बाज़ार खुलते ही सेंसेक्स 350 अंकों की गिरावट के साथ नीचे आया। हालांकि, बाद में बाज़ार संभलने की कोशिश करता दिखा और सुबह 10 बजे तक सेंसेक्स 150 अंकों की गिरावट के साथ 72,950 पर कारोबार कर रहा था।
शुक्रवार की ऐतिहासिक गिरावट ने बढ़ाई घबराहट
भारतीय शेयर बाज़ार पहले से ही दबाव में था। पिछले हफ्ते शुक्रवार को सेंसेक्स में 1400 अंकों की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई थी, जिसे पिछले 28 सालों में सबसे बड़ी गिरावट बताया जा रहा है। इस तेज़ गिरावट ने निवेशकों को सकते में डाल दिया है।
बाज़ार विशेषज्ञों की राय
मार्केट एनालिस्ट बी पद्मनाभन ने X (ट्विटर) पर लिखा, “अपने उच्चतम स्तर से सेंसेक्स अब तक 15% गिर चुका है।” उन्होंने उन शेयरों की सूची भी साझा की, जिनमें 2% से 50% तक की गिरावट दर्ज की गई है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच यह टैरिफ़ विवाद लंबा खिंचता है, तो वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और बढ़ सकती है। इससे भारत समेत अन्य उभरते बाज़ारों पर भी दबाव बढ़ेगा। निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
आने वाले दिनों में वैश्विक घटनाक्रम पर बाज़ार की नज़र बनी रहेगी।