
पटना, शब्दरंग समाचार: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में उठे सियासी तूफान के बीच पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि तेज प्रताप की न तो पार्टी में और न ही परिवार में कोई भूमिका रहेगी।
इस फैसले के बाद सोमवार को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और तेज प्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव ने पहली बार सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “हमें ये सब चीज़ें न अच्छा लगता है, न हम इसे बर्दाश्त करते हैं।”
तेजस्वी ने कहा कि वे बिहार की जनता के प्रति समर्पित हैं और जनहित के मुद्दों पर लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम जनता के दुख-सुख में भागीदार हैं और उनकी आवाज़ को सदन और सड़क पर उठा रहे हैं।”
अपने बड़े भाई तेज प्रताप पर बात करते हुए तेजस्वी ने रिश्तों और राजनीति के बीच फ़र्क को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “राजनीतिक जीवन और निजी जीवन अलग होता है। वह बड़े हैं, और निजी जीवन में फैसले लेने का उन्हें अधिकार है। राजनीति में क्या सही है और क्या नुकसानदेह, इसका मूल्यांकन उन्हें खुद करना होगा।”
राजद के इस पारिवारिक और राजनीतिक घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप यादव आगे क्या रुख अपनाते हैं और क्या कोई नई राजनीतिक राह चुनते हैं।