शब्दरंग समाचार: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को बाजार खुलते ही प्रमुख इंडेक्स डॉव 1,116 अंक या 2.64% तक गिर गया, जबकि एसएंडपी 500 इंडेक्स में 3.24% की गिरावट देखने को मिली। इसी तरह, तकनीकी शेयरों से भरपूर नैस्डैक इंडेक्स भी 4.33% तक लुढ़क गया। यह गिरावट 2022 के मुद्रास्फीति संकट के बाद सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट के रूप में देखी जा रही है।
वैश्विक बाजारों पर असर
ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका में आने वाले लगभग सभी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है। व्यापारिक साझेदारों में इस फैसले को लेकर भारी असंतोष देखा जा रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंध प्रभावित हो सकते हैं। भारत सहित कई अन्य देशों के शेयर बाजारों में भी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों में घबराहट बढ़ गई है।
सुरक्षित संपत्तियों में निवेश का बढ़ता रुझान
बाजार में अस्थिरता के चलते निवेशकों ने सुरक्षित संपत्तियों में निवेश करना शुरू कर दिया है। बुधवार को सोने की कीमत 3,160 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जबकि ट्रेजरी यील्ड्स में भारी गिरावट आई। यह संकेत देता है कि निवेशक जोखिम भरे एसेट्स से दूर होते जा रहे हैं और सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
विश्लेषकों की चेतावनी
जेपी मॉर्गन सहित कई प्रमुख वित्तीय संस्थानों के विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि ट्रंप ने अपने घोषित टैरिफ को बनाए रखा, तो अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था 2025 में मंदी की चपेट में आ सकती है। इस नीति के कारण व्यापार घाटा बढ़ सकता है, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं और कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
ट्रंप के टैरिफ फैसले ने न केवल अमेरिकी बाजारों में बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी हलचल मचा दी है। निवेशकों की सतर्कता और सुरक्षित संपत्तियों में बढ़ते निवेश से यह स्पष्ट है कि बाजार पर अनिश्चितता की छाया गहराती जा रही है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ट्रंप प्रशासन इस स्थिति से कैसे निपटता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव क्या पड़ता है।