
अमेरिका (Shabddrang Samachar): डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनकी प्रशासनिक टीम का गठन शुरू हो गया है। इसी कड़ी में तुलसी गबार्ड को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति इस पद पर लंबे समय तक रही एवरिल हेन्स की जगह हुई है।
तुलसी गबार्ड का राजनीतिक सफर
तुलसी गबार्ड अमेरिकी राजनीति का एक जाना-माना चेहरा हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर महज 21 साल की उम्र में शुरू किया था। वे चार बार डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद रह चुकी हैं और 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन के लिए भी खड़ी हुई थीं।हालांकि, तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी से रिश्ता पिछले कुछ समय से कमजोर पड़ गया था। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की नीतियों और नेतृत्व की आलोचना करते हुए पार्टी छोड़ दी और हाल ही में रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गईं। उनकी विचारधारा और ट्रंप के साथ बढ़ते संबंधों के कारण यह जिम्मेदारी उन्हें दी गई है।
नेशनल इंटेलिजेंस की भूमिका
नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के रूप में तुलसी गबार्ड को अमेरिका की सुरक्षा और खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पद अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में बेहद अहम माना जाता है।
व्यक्तिगत जीवन और विचारधारा
तुलसी गबार्ड का जन्म 1981 में हुआ था। उनका परिवार हवाई से है और उनका संबंध हिंदू धर्म से है। तुलसी ने हिंदू परंपराओं और संस्कारों को अपने जीवन में अपनाया है, जिससे वे अमेरिकी राजनीति में एक अनोखी पहचान रखती हैं।तुलसी गबार्ड को उनकी स्पष्टवादिता और स्वतंत्र सोच के लिए जाना जाता है। चाहे बात अमेरिकी सेना में उनकी सेवा की हो या विदेशी नीतियों पर उनके विचारों की, तुलसी ने हमेशा अपने आप को एक मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत किया है।
नए ट्रंप प्रशासन के लिए महत्व
तुलसी की नियुक्ति से स्पष्ट होता है कि डोनाल्ड ट्रंप अपने प्रशासन में अनुभव और नई सोच को साथ लेकर चलना चाहते हैं। उनके पास खुफिया मामलों में गहराई से काम करने और विदेश नीति पर प्रभावशाली निर्णय लेने की क्षमता है।तुलसी गबार्ड का यह नया कदम अमेरिकी राजनीति और ट्रंप प्रशासन दोनों के लिए एक नया मोड़ साबित हो सकता है।