
लखनऊ । 14 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिलावटखोरी और नकली दवाओं के कारोबार को ‘सामाजिक अपराध’ बताते हुए इसे जनस्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि इन अपराधों के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है, जिसके तहत दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
मिलावट करने वालों और नकली दवाओं के कारोबारियों की तस्वीरें प्रमुख चौराहों पर लगाई जाएंगी।
जनसामान्य को अपराधियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि सामाजिक बहिष्कार हो सके।
संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए कि सख्त और निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
नकली दवाओं के खिलाफ समन्वित अभियान
मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट किया कि नकली औषधियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस और विभागीय समन्वय को और मजबूत किया जाए। इससे प्रवर्तन की गुणवत्ता और गति दोनों बढ़ेगी।
प्रयोगशालाओं का विस्तार और निगरानी तंत्र
राज्य में अब तक 12 नए मंडलों में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। इनमें शामिल हैं:
लखनऊ, गोरखपुर, झांसी (उन्नत प्रयोगशालाएं)
अलीगढ़, अयोध्या, बरेली, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, देवीपाटन आदि।
लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में आधुनिक माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशालाएं भी शुरू की गई हैं, जो वायरस, बैक्टीरिया और माइकोटॉक्सिन की जांच करने में सक्षम हैं।
खाद्य वस्तुओं की जांच पर विशेष बल
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि दूध, पनीर, घी, तेल और मसालों जैसी वस्तुओं की जांच उत्पादन इकाई स्तर पर ही हो। इसके लिए विशेष जांच टीमें बनाई जाएंगी जो सतत निगरानी करेंगी।
पेशेवर रक्तदाताओं पर भी निगरानी
स्वास्थ्य सुरक्षा के तहत पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान कर उनके नेटवर्क को खत्म करने के लिए कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। यह पहल सुरक्षित रक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम है।
कोष की स्थापना का सुझाव
मुख्यमंत्री ने प्रयोगशालाओं के सुचारू संचालन और रखरखाव के लिए एक स्थायी कॉर्पस फंड बनाने का सुझाव दिया है, जिससे इनकी क्षमता और जवाबदेही दोनों बनी रहें।