
नई दिल्ली, शब्दरंग समाचार:
वैश्विक बाजारों की अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने की चमक और भी तेज होती जा रही है। बीते कुछ समय में गोल्ड की कीमतों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया है, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या मौजूदा दौर में सोना वाकई एक सुरक्षित निवेश है?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब से अमेरिका ने ऊंचे टैरिफ का एलान किया है, वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल का माहौल है। इस टैरिफ युद्ध और व्यापारिक तनाव के चलते निवेशकों का रुझान परंपरागत सुरक्षित संपत्तियों की ओर मुड़ा है — और सोना इसमें सबसे ऊपर है।
बीते सप्ताह सोने की कीमत 3167 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई, जो बताता है कि निवेशकों का भरोसा इस पीली धातु पर लगातार बना हुआ है।
क्यों बढ़ रहा है सोने का क्रेज़?
बेलफास्ट यूनिवर्सिटी के आर्थिक इतिहासकार डॉ. फिलिप फ्लायर्स के अनुसार, न केवल आम लोग, बल्कि सरकारें और केंद्रीय बैंक भी बड़े पैमाने पर सोने की खरीद कर रहे हैं। वैश्विक बाजार में इक्विटी की अस्थिरता के चलते निवेशक शेयर बाजार से हटकर गोल्ड में निवेश कर रहे हैं।
इतिहास भी यही दर्शाता है कि संकट के समय में सोना ही सबसे स्थिर संपत्ति मानी जाती रही है — फिर चाहे वो प्राचीन मिस्र का तूतनखामन हो या भारत का पद्मनाभ मंदिर।
लेकिन क्या इसमें जोखिम नहीं है?
डॉ. फ्लायर्स मानते हैं कि “सुरक्षित” का अर्थ “बिना जोखिम” नहीं होता। कोविड महामारी के शुरुआती दौर में जब सोने की कीमतें तेजी से बढ़ीं, तो मार्च 2020 में इनकी तेज गिरावट भी देखी गई।
इसके अलावा, मौजूदा बढ़ोतरी का बड़ा कारण है केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही भारी ख़रीद। विशेषज्ञों के मुताबिक, जैसे ही वैश्विक हालात स्थिर होंगे और नीतियों में स्पष्टता आएगी, निवेशक गोल्ड से हटकर अन्य विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं — जिससे इसकी कीमतों में गिरावट आ सकती है।
क्या करें आम निवेशक?
डॉ. फ्लायर्स की सलाह है, “अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो इसे लंबी अवधि की रणनीति के तौर पर देखें। शॉर्ट टर्म में इसमें दांव लगाना जोखिम भरा हो सकता है।”
इसलिए, मौजूदा आर्थिक माहौल में सोना जहां एक भरोसेमंद विकल्प की तरह दिखता है, वहीं यह भी जरूरी है कि निवेशक सोच-समझकर कदम उठाएं और केवल भावनाओं में बहकर इसमें बड़ी पूंजी न लगाएं।
सोना अब भी निवेश का एक मजबूत विकल्प है — खासकर तब जब बाकी बाजार डगमगाते नजर आ रहे हों। लेकिन इसकी चमक से चौंधियाए बिना, विवेकपूर्ण और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से ही इसमें निवेश करना समझदारी होगी।