शब्दरंग समाचार: अक्षय तृतीया से लेकर बुद्ध पूर्णिमा तक, वैशाख माह है शुभ कार्यों के लिए उत्तम समय
13 अप्रैल 2025 से वैशाख मास का शुभारंभ हो चुका है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह वर्ष का दूसरा महीना होता है जिसे माधव मास के नाम से भी जाना जाता है। यह महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। मान्यता है कि इस माह में भगवान विष्णु और उनके माधव स्वरूप की पूजा करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
इस माह में व्रत, स्नान, दान और तीज-त्योहारों की भरमार होती है। विशेषकर गंगा स्नान, विष्णु पूजा, व्रत और दान-पुण्य का महत्व अत्यधिक है। आइए जानते हैं वैशाख 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहारों की तारीखें:
वैशाख 2025 व्रत-त्योहार तिथियां
मेष संक्रांति – 14 अप्रैल 2025
संकष्टी गणेश चतुर्थी – 16 अप्रैल 2025
कालाष्टमी – 21 अप्रैल 2025
वरुथिनी एकादशी – 24 अप्रैल 2025
प्रदोष व्रत – 25 अप्रैल 2025
मासिक शिवरात्रि – 26 अप्रैल 2025
वैशाख अमावस्या – 27 अप्रैल 2025
परशुराम जयंती – 29 अप्रैल 2025
अक्षय तृतीया – 30 अप्रैल 2025
वरद चतुर्थी – 1 मई 2025
गंगा सप्तमी – 3 मई 2025
बगलामुखी जयंती एवं दुर्गाष्टमी व्रत – 5 मई 2025
सीता नवमी – 6 मई 2025
मोहिनी एकादशी – 8 मई 2025
प्रदोष व्रत – 9 मई 2025
नरसिंह जयंती – 11 मई 2025
वैशाख पूर्णिमा व्रत एवं बुद्ध पूर्णिमा – 12 मई 2025
वैशाख माह का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, वैशाख माह में नियमित रूप से गंगा स्नान, तुलसी पूजा, श्रीहरि विष्णु के नाम का जाप और ब्राह्मणों को अन्न-जल दान करने से कई जन्मों के पापों का नाश होता है। इस माह में अक्षय तृतीया और वैशाख पूर्णिमा जैसे पर्व विशेष रूप से फलदायी माने गए हैं।
अक्षय तृतीया के दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय फल देने वाला होता है। वहीं बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान और महापरिनिर्वाण हुआ था, इसलिए यह दिन बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
वैशाख माह व्रत-त्योहार और धार्मिक आस्था का संगम है। यह महीना आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। आप भी इस माह में व्रत, स्नान और दान से अपने जीवन को शुभता और पवित्रता से भर सकते हैं।