
नई दिल्ली | 20 अप्रैल 2025, शब्दरंग समाचार:
भारतीय शेयर बाजार में बीते सप्ताह जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जिसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की सक्रिय भागीदारी अहम रही। लंबे समय से बिकवाली कर रहे विदेशी निवेशकों ने अब रुख बदलते हुए बाजार में ताबड़तोड़ खरीदारी शुरू कर दी है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि निवेश धारणा में बड़ा बदलाव आया है।
8,500 करोड़ रुपये की खरीदारी:
डिपॉजिटरी के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 15 से 18 अप्रैल के बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में 8,472 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। खास बात यह रही कि 15 अप्रैल को जहाँ 2,352 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी, वहीं अगले दो कारोबारी दिनों में 10,824 करोड़ रुपये का ज़बरदस्त निवेश हुआ।
क्यों बदला मूड?
जियोजीत इन्वेस्टमेंट के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार के अनुसार, डॉलर इंडेक्स में गिरावट और वैश्विक स्तर पर डॉलर की कमजोरी के कारण एफपीआई अमेरिका जैसे विकसित बाजारों से हटकर भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और तेज़ विकास दर विदेशी निवेशकों को लुभा रही है।
अमेरिका-चीन की मंदी और भारत की मजबूती:
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन की धीमी होती अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारत की 2025-26 में अनुमानित 6% विकास दर विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर पेश कर रही है।
पिछले महीनों में भारी बिकवाली:
जनवरी: 78,027 करोड़ रुपये की निकासी
फरवरी: 34,574 करोड़ रुपये की निकासी
मार्च: 3,973 करोड़ रुपये की निकासी
अप्रैल (अब तक): 23,103 करोड़ रुपये की निकासी
अब क्या उम्मीद?
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार, एफपीआई की ताज़ा गतिविधियाँ यह दर्शाती हैं कि निवेशकों की धारणा में सुधार हो रहा है। हालांकि, यह प्रवाह स्थिर रहेगा या नहीं, यह अमेरिका की व्यापार नीति, वैश्विक राजनीतिक स्थिरता और भारत की आंतरिक आर्थिक नीतियों पर निर्भर करेगा।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मौजूदा सकारात्मक माहौल और भारत की आर्थिक मजबूती बनी रहती है, तो आने वाले हफ्तों में एफपीआई का निवेश और तेज़ी पकड़ सकता है। इससे न सिर्फ शेयर बाजार को बल मिलेगा, बल्कि रुपए की स्थिति पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।