
पश्चिम बंगाल।16 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
पश्चिम बंगाल के साल्ट लेक स्थित शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन के बाहर शुक्रवार को भी बर्खास्त शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें दोबारा परीक्षा देने के लिए मजबूर न किया जाए और उनकी नौकरियां तत्काल बहाल की जाएं।
गुरुवार को पुलिस के लाठीचार्ज में कई शिक्षक घायल हुए थे, जिनमें से 60-70 को अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके बावजूद, शुक्रवार को हजारों शिक्षक दोबारा जुटे और आवाज़ उठाई।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर लाठीचार्ज का आरोप
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और बीमार तथा महिला शिक्षकों को बाहर निकलने देने पर सहमत थे। इसके बावजूद पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया। अब यह आंदोलन और उग्र हो सकता है, क्योंकि शुक्रवार शाम को कई सिविल राइट्स एक्टिविस्ट और विपक्षी दलों के नेता समर्थन में शामिल होने वाले हैं।
भाजपा ने साधा निशाना, ममता सरकार पर गंभीर आरोप
भाजपा ने पुलिस लाठीचार्ज को अमानवीय बताया और ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जा रहा है और योग्य उम्मीदवारों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “पश्चिम बंगाल को अब एक ऐसा बाज़ार बना दिया गया है जहां पैसे देकर शिक्षक की नौकरी खरीदी जाती है।”
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रद्द हुई थीं नियुक्तियां
यह आंदोलन उन शिक्षकों का है, जिनकी नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रद्द कर दी गई थीं। कोर्ट ने 2016 की स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) परीक्षा के आधार पर हुई 25,753 नियुक्तियों को भ्रष्ट करार दिया। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, जिन उम्मीदवारों की नियुक्ति वैध मानी गई है, वे 31 दिसंबर 2025 तक कार्यरत रह सकते हैं।