शब्दरंग समाचार : यमन के सना एयरपोर्ट पर हुए बमबारी हमले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस बाल-बाल बच गए। जिस समय यह हमला हुआ, उस वक्त टेड्रोस संयुक्त राष्ट्र और WHO के अपने सहयोगियों के साथ विमान में सवार होने वाले थे। इस हमले में एयरपोर्ट के आसपास भारी क्षति हुई है और दो लोगों की जान चली गई।
बमबारी से कुछ ही दूरी पर मौजूद थे टेड्रोस
टेड्रोस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि जब वे विमान में सवार होने की तैयारी कर रहे थे, तभी हवाई अड्डे पर बमबारी शुरू हो गई। उन्होंने लिखा, “हमारे विमान के चालक दल का एक सदस्य घायल हो गया। हवाई अड्डे पर दो लोग मारे गए। बमबारी एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर और डिपार्चर लाउंज से कुछ ही मीटर की दूरी पर हुई, जहां हम मौजूद थे। रनवे को नुकसान पहुंचा है, और फिलहाल हवाई अड्डे पर परिचालन बंद है।”
कर्मचारियों की रिहाई के लिए पहुंचे थे टेड्रोस
टेड्रोस और उनके सहयोगी संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों की रिहाई के प्रयास में यमन पहुंचे थे, जिन्हें हूती लड़ाकों ने बंधक बना रखा है। यह हमला उस समय हुआ, जब इजरायल यमन में हूती ठिकानों पर हमले कर रहा था।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हमले की निंदा की
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने और नागरिकों व मानवीय कार्यकर्ताओं को निशाना न बनाने की अपील की। गुटेरेस ने कहा, “सना हवाई अड्डे, लाल सागर बंदरगाहों और बिजली स्टेशनों पर हवाई हमले खतरनाक हैं। इन हमलों में कई लोग मारे गए और घायल हुए हैं। सभी पक्षों से संयम बरतने और सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील करता हूं।”
यमन में बढ़ते हमले और तनाव
यमन में पिछले कुछ समय से इजरायल और हूती लड़ाकों के बीच तनाव बढ़ा है। सना एयरपोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर लगातार हो रही बमबारी ने स्थानीय नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठनों के लिए खतरा बढ़ा दिया है।
टेड्रोस ने जताई संवेदना
टेड्रोस ने हमले में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि उनके सहयोगी सुरक्षित हैं। उन्होंने सभी पक्षों से शांति और मानवीय सिद्धांतों का पालन करने की अपील की।निष्कर्षयह घटना यमन में बढ़ते हिंसक संघर्ष का गंभीर उदाहरण है। मानवीय सहायता के प्रयासों को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र और WHO जैसी संस्थाएं संकटग्रस्त क्षेत्रों में शांति और सहायता लाने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन इस तरह के हमले उनके प्रयासों में बाधा डालते हैं। सभी पक्षों को संयम और संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए।