
वॉशिंगटन। 10 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक भारतीय छात्र को अमेरिका के नेवार्क एयरपोर्ट पर हथकड़ियों में जकड़ा हुआ और ज़मीन पर गिराया गया देखा गया। यह वीडियो भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक कुणाल जैन ने साझा किया, जिन्होंने इसे “मानवीय आपदा” करार दिया।
- छात्र का दर्द: सपने देखने की सज़ा?
कुणाल जैन के अनुसार, छात्र अमेरिका उच्च शिक्षा के लिए आया था और उसका किसी अपराध से कोई लेना-देना नहीं था। वह सिर्फ एक वीज़ा तकनीकी या कम्युनिकेशन समस्या के चलते इस हाल में पहुंच गया। “उसके हाथ-पैर बंधे थे और वह रो रहा था। यह दृश्य दिल तोड़ने वाला था।” – कुणाल जैन
2.भाषा और संप्रेषण की खाई: समस्या की जड़
छात्र ने हरियाणवी और हिंदी में बात करने की कोशिश की, लेकिन अमेरिकी अधिकारी उसकी भाषा नहीं समझ पाए। कुणाल जैन ने उसकी मदद करने की पेशकश की, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया।
यह दिखाता है कि किस तरह भाषा अवरोध अप्रवासन प्रक्रियाओं में अड़चन बन सकती है।
3. क्यों होते हैं भारतीय छात्र अमेरिका में अवैध?
भारत से हर साल हज़ारों छात्र अमेरिका में पढ़ाई के लिए आते हैं। लेकिन कई बार:
- वीज़ा एक्सपायर हो जाता है
- नौकरी ना मिलने से OPT या H1B वीज़ा नहीं मिल पाता
- प्रशासनिक देरी और पेपरवर्क की जटिलता उन्हें “अवैध” बना देती है
इससे छात्र मानसिक, आर्थिक और कानूनी संकट में आ जाते हैं।
4. सामूहिक असफलता: क्या सिस्टम ही दोषी है?
कुणाल जैन का कहना है कि यह एक “सामूहिक असफलता” है। उन्होंने कहा: “छात्र अपने माता-पिता का सपना लेकर आता है, लाखों रुपये खर्च करता है, फिर भी सिस्टम उसे गुनहगार बना देता है।”
5. समाधान क्या हो सकते हैं?
- भारतीय दूतावास की तत्काल सहायता प्रणाली
- अप्रवासन अधिकारियों के लिए सांस्कृतिक और भाषाई प्रशिक्षण
- वीज़ा नियमों की स्पष्टता और मानवीय दृष्टिकोण
- भारतीय छात्रों को कानूनी सलाह और जागरूकता