
नई दिल्ली । 17 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
G7 देशों का इजरायल के प्रति समर्थन
हाल ही में G7 (जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, कनाडा और जापान) के नेताओं ने एक साझा बयान जारी किया जिसमें उन्होंने इजरायल का समर्थन किया। इस बयान में उन्होंने इजरायल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाले कारकों की निंदा की।
ईरान ने जताई नाराजगी: “हमारे नागरिकों की हत्या की अनदेखी”
ईरान ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा: “G7 के बयान में इजरायल द्वारा हमारे नागरिकों की हत्या, शांतिपूर्ण परमाणु ठिकानों पर हमले और आवासीय इलाकों को निशाना बनाए जाने की पूरी तरह अनदेखी की गई है।”
ईरान का दावा है कि G7 ने निष्पक्षता नहीं बरती और केवल एक पक्ष का समर्थन किया।
परमाणु ठिकानों पर हमले का आरोप
ईरान का यह भी कहना है कि इजरायल ने उसके शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अवैध कार्रवाई की है। G7 की ओर से इस मुद्दे पर कोई आलोचना नहीं की गई, जो ईरान के लिए चिंता का विषय है।
तनाव में बढ़ोतरी की आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बयान के बाद ईरान और इजरायल के बीच तनाव और बढ़ सकता है, जिससे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
क्या है G7 का रुख ?
G7 देशों का मानना है कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए इजरायल को अपने आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने देना चाहिए। लेकिन इस समर्थन को ईरान एकतरफा और पक्षपाती मान रहा है।
वर्तमान हालात और आगे की संभावनाएं
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि पश्चिमी देश जहां इजरायल के समर्थन में हैं, वहीं ईरान खुद को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग महसूस कर रहा है। आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में यह मुद्दा और तेज हो सकता है।