
दुबई । 19 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
ईरान और इस्राइल के बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ा साइबर हमला सामने आया है। ‘गोंजेशके दरांडे’ नाम के हैकर ग्रुप ने ईरान की प्रमुख क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज नोबिटेक्स से \$90 मिलियन (लगभग 750 करोड़ ईरानी रियाल) चुरा लिए हैं। इस हमले ने साइबर सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय राजनीति और क्रिप्टो उपयोग को लेकर कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं।
हैकर्स ने क्यों बनाया नोबिटेक्स को निशाना?
नोबिटेक्स, ईरान की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज है। ‘गोंजेशके दरांडे’ नामक फारसी हैकर ग्रुप ने दावा किया है कि नोबिटेक्स सरकार को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने में मदद करता है और आतंकवाद से जुड़े संगठनों तक फंड पहुंचाता है।
ब्लॉकचेन एनालिसिस फर्म एलिपटिक और चेनएनालिसिस के अनुसार, यह हमला केवल आर्थिक लाभ के लिए नहीं था, बल्कि इसका मकसद राजनीतिक संदेश देना था। चुराई गई क्रिप्टो को ऐसे वॉलेट्स में भेजा गया, जिन पर ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के खिलाफ संदेश लिखे थे।
कौन है ‘गोंजेशके दरांडे’? जानिए इस हैकर ग्रुप का इतिहास
‘गोंजेशके दरांडे’ (अर्थ: शिकारी गौरैया) कोई नया नाम नहीं है। इस ग्रुप ने पहले भी कई बार ईरान की अहम संरचनाओं को निशाना बनाया है:
- 2021: ईरान के पेट्रोल पंप नेटवर्क को ठप कर दिया।
- 2022 : स्टील फैक्ट्री पर हमला, जिससे भीषण आग लग गई।
- 2024 : सरकारी बैंक ‘सेपा’ पर साइबर हमला।
इस ग्रुप की कार्यशैली, राजनीतिक एजेंडा और लक्ष्यों को देखकर यह माना जा रहा है कि इसके इस्राइल से संबंध हो सकते हैं, हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
क्या इस हमले के पीछे इस्राइल है?
इस्राइली मीडिया के मुताबिक, ‘गोंजेशके दरांडे’ का संबंध इस्राइल की साइबर यूनिट से हो सकता है। यह भी बताया जा रहा है कि यह ग्रुप ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसके प्रॉक्सी संगठनों पर डिजिटल तरीके से प्रहार कर रहा है।
हालांकि, इस्राइल सरकार ने कभी आधिकारिक रूप से इस ग्रुप को अपना हिस्सा नहीं माना है। फिर भी, ईरान और इस्राइल के बीच हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष इस साइबर हमले के पीछे की संभावित प्रेरणा को स्पष्ट करते हैं।
नोबिटेक्स और ईरान सरकार के रिश्ते
एलिपटिक की रिपोर्ट के अनुसार, नोबिटेक्स का इस्तेमाल कई रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और ईरानी अधिकारियों द्वारा किया जाता था। इतना ही नहीं, इसके कुछ लेन-देन यमन के हूती विद्रोहियों और फलस्तीनी संगठन हमास से जुड़े वॉलेट्स से भी जुड़े पाए गए।
यह संबंध इस बात की ओर इशारा करते हैं कि नोबिटेक्स केवल एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि ईरान की रणनीतिक फाइनेंशियल नेटवर्क का हिस्सा था।
ईरान के लिए क्यों है यह हमला खतरनाक?
ईरान का क्रिप्टो बाजार उतना बड़ा नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र में इस स्तर का हमला देश की डिजिटल संप्रभुता और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
चोरी गई क्रिप्टोकरंसी में बिटकॉइन, एथेरियम और डॉजकॉइन शामिल हैं। नोबिटेक्स ने हमले की पुष्टि की और फिलहाल अपनी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं।