
धनतेरस की शाम को डाॅ. हरिओम आईएएस एवं आस्था गोस्वामी द्वारा अद्भुत ग़ज़ल दीपावली के तोहफ़े के तौर पर रीलिज़ हुई। ग़ज़ल के बोल, गायकी की मधुरता और संगीत का संयोजन इस एलबम को संग्रहणीय बनाते हैं। गज़लकार हरिओम हैं और ग़ज़ल को संगीतमय भी हरिओम के द्वारा ही हुआ है। दिवाली की शाम इस एलबम के नाम होनी ही चाहिए।