
नई दिल्ली । 20 जून 2025, शब्दरंग समाचार:
इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत लगभग 1,000 भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित निकाला जाएगा।
ईरान ने भारत के लिए खोला एयरस्पेस
जारी संघर्ष के कारण ईरान का एयरस्पेस अधिकतर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद है, लेकिन भारत के लिए एक विशेष अपवाद बनाते हुए ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से खोल दिया। यह कदम भारत और ईरान के मजबूत राजनयिक संबंधों को दर्शाता है।
110 छात्रों की पहली खेप पहुंची आर्मेनिया, यरवेन से रवाना हुई विशेष फ्लाइट
भारतीय दूतावास की मदद से 17 जून को 110 छात्रों को उत्तरी ईरान से सड़क मार्ग द्वारा आर्मेनिया पहुंचाया गया। इसके बाद 18 जून को यरवेन से एक विशेष फ्लाइट के जरिए उन्हें भारत भेजा गया, जो 22 जून की सुबह नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।
इज़राइल-ईरान युद्ध: क्षेत्रीय संकट की पृष्ठभूमि
13 जून से शुरू हुए इज़राइल-ईरान युद्ध में अब तक:
ईरान और इज़राइल के बीच जारी युद्ध ने अब तक भारी जान-माल का नुकसान किया है। ईरान में 657 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिनमें 263 आम नागरिक शामिल हैं। वहीं, ईरान के जवाबी हमलों में इज़राइल में 24 लोगों की जान चली गई है। ईरान ने अब तक 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन इज़राइल पर दागे हैं, जिनमें से अधिकतर को इज़राइल की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस प्रणाली ने रोक लिया, लेकिन कई हमले जानलेवा साबित हुए। इस पूरे घटनाक्रम के बीच, अमेरिका भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और रिपोर्ट्स के अनुसार वह ईरान के फोर्डो यूरेनियम संवर्धन प्लांट पर ‘बंकर-बस्टर’ बम से हमला करने पर विचार कर रहा है, जो एक पहाड़ी के नीचे बना होने के कारण अत्यधिक सुरक्षित माना जाता है।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम और वैश्विक चिंता
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है, लेकिन वह 60% तक यूरेनियम संवर्धन करने वाला एकमात्र गैर-परमाणु हथियार राज्य है, जो हथियार-स्तरीय 90% के बेहद करीब है।
इज़राइल की स्थिति: गुप्त लेकिन शक्तिशाली
इज़राइल ने कभी आधिकारिक रूप से अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को स्वीकार नहीं किया है, लेकिन उसे मध्य पूर्व का एकमात्र परमाणु हथियार संपन्न देश माना जाता है।