
नई दिल्ली । 08 जुलाई 2025, शब्दरंग समाचार :
2025 का मानसून देशभर में तेज़ी से सक्रिय हो चुका है और इसके साथ ही कई राज्यों में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की नदियों में भयंकर बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।
असम: ढनसिरी और ब्रह्मपुत्र उफान पर
असम के गोलाघाट जिले में ढनसिरी (दक्षिण) नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। नुमालीगढ़ क्षेत्र में हालात गंभीर हैं।
इसके अलावा:
- नेमाटीघाट और तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी चेतावनी स्तर पार कर चुकी है।
- शिवसागर में डिखो नदी और करीमगंज में कुशियारा नदी भी चिंता का विषय बनी हुई हैं।
हालांकि कुछ जगहों पर जलस्तर में स्थिरता या गिरावट देखी जा रही है, फिर भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
मध्य प्रदेश: नर्मदा नदी खतरे के पार
मंडला जिले में नर्मदा नदी का जलस्तर 437.67 मीटर तक पहुंच चुका है, जो स्पष्ट रूप से खतरे की सीमा पार कर चुका है। राहत की बात यह है कि यहां अब जलस्तर में गिरावट देखी जा रही है।
महाराष्ट्र: वैनगंगा का बढ़ता जलस्तर
भंडारा जिले में वैनगंगा नदी 245.8 मीटर तक पहुंच चुकी है। लगातार बढ़ते पानी को देखकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर आ चुका है।
उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा: 11 स्थानों पर चेतावनी स्तर पार
देश के अन्य राज्यों में भी स्थिति गंभीर होती जा रही है:
- उत्तर प्रदेश : घाघरा नदी (एल्गिनब्रिज)
- बिहार : गंडक नदी (डुमरिया घाट)
- ओडिशा : बैतरणी और जलका नदियों में जलस्तर बढ़ा हुआ है
इन इलाकों में स्थानीय बाढ़ नियंत्रण टीमें सक्रिय हो गई हैं।
35 डैम और बैराजों पर जलभराव चेतावनी
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक देश के 35 जलाशयों में पानी खतरे के स्तर को पार कर गया है। इनमें शामिल हैं:
- श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश)
- मैथन (झारखंड)
- आलमट्टी (कर्नाटक)
- इंदिरा सागर (मध्य प्रदेश)
- दुर्गापुर बैराज (पश्चिम बंगाल)
इन पर जल प्रबंधन और डिस्चार्ज कंट्रोल को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
राहत की बात: चरम बाढ़ की स्थिति नहीं
अब तक देश में किसी भी नदी ने अपने ऐतिहासिक जल स्तर को पार नहीं किया है, जिससे यह कहा जा सकता है कि “चरम बाढ़” (Extreme Flood) की स्थिति नहीं बनी है।
लेकिन, तेज बारिश और जलाशयों के भराव को देखते हुए अगले कुछ दिन संवेदनशील बने रहेंगे।