डॉ. अखिलेश मिश्रा: प्रशासनिक सेवा में संवेदनशीलता और समाजसेवा का संकल्प
डॉ. अखिलेश मिश्रा जी एक ऐसे आईएएस अधिकारी हैं, जो न केवल प्रशासनिक सेवा में अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि साहित्य, संगीत और समाजसेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनकी बहुमुखी प्रतिभा और समाज के प्रति संवेदनशीलता ने उन्हें आमजन के बीच एक प्रेरणास्रोत बना दिया है। एक सक्षम अधिकारी होने के साथ-साथ वे गीतकार, गायक और रामकथा के मर्मज्ञ भी हैं। उनका व्यक्तित्व उनकी प्रशासनिक दक्षता और गहरे सामाजिक सरोकारों का अद्भुत संगम है।
प्रशासनिक कार्यों में संवेदनशीलता का परिचय
डॉ. मिश्रा जी का प्रशासनिक दृष्टिकोण उन अधिकारियों से भिन्न है, जो केवल अपने कर्तव्यों को निभाने में ही सीमित रहते हैं। वे मानते हैं कि एक प्रशासनिक अधिकारी का कर्तव्य केवल सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन या नीतियों का पालन सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी है। उनके नेतृत्व में कई योजनाएं और कार्य ऐसे हुए हैं, जिनमें उन्होंने आमजन की कठिनाइयों को समझते हुए संवेदनशीलता से निर्णय लिए। वे गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता में हमेशा आगे रहते हैं। यह उनके प्रशासनिक जीवन का एक विशेष गुण है, जो उनके व्यक्तित्व को और ऊँचा उठाता है।एक बार की घटना है कि डॉ. मिश्रा जी ने एक सब्जी बेचने वाली महिला को देखा, जो किसी अत्यावश्यक कार्य से अपनी जगह छोड़कर जाने के लिए मजबूर थी। डॉ. मिश्रा जी ने महिला की मदद करने का निर्णय लिया और खुद उसकी जगह खड़े होकर सब्जियाँ बेचने लगे। यह घटना न केवल उनकी सरलता और विनम्रता को दर्शाती है, बल्कि एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उनकी संवेदनशीलता को भी उजागर करती है। यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि उनके कर्तव्य और मानवता के प्रति उनके दृष्टिकोण का परिचायक है।
रामकथा वाचन में महारत
डॉ. अखिलेश मिश्रा जी का आध्यात्मिक पक्ष भी उतना ही प्रेरणादायक है। वे एक कुशल रामकथा वाचक हैं और उनकी वाणी में रामायण के प्रति गहरी श्रद्धा और आत्मीयता है। उनके रामकथा वाचन का अंदाज लोगों को आध्यात्मिक रूप से जोड़ता है और उन्हें नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करता है। उनकी रामकथा में एक विशेष प्रकार का आकर्षण होता है, जो श्रोताओं को भगवान राम के आदर्श जीवन से जुड़ने का अवसर देता है। वे केवल रामकथा का वाचन नहीं करते, बल्कि उसके मर्म को समझते हुए उसे जनमानस तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं। उनकी वाणी में न केवल कथा, बल्कि समाज के प्रति एक गहरा संदेश होता है जो श्रोताओं को प्रेरित करता है।
संगीत और साहित्य के प्रति रुचि
डॉ. मिश्रा जी का संगीत और साहित्य के प्रति प्रेम भी उल्लेखनीय है। वे गीतकार और गायक के रूप में भी जाने जाते हैं। उनके गीतों और भजनों में समाज और जीवन के गहरे संदेश होते हैं, जो लोगों के मन को छू जाते हैं। वे मानते हैं कि संगीत और साहित्य के माध्यम से समाज में जागरूकता लाई जा सकती है और इसे सकारात्मक दिशा में प्रेरित किया जा सकता है। उनके गीतों में न केवल समाज के प्रति उनकी गहरी सोच प्रतिबिंबित होती है, बल्कि वे मानवीय मूल्यों को भी प्रस्तुत करते हैं। उनके गीत और भजन श्रोताओं के दिलों में एक नई उमंग भरते हैं और समाज के प्रति अपने दायित्वों की याद दिलाते हैं।
समाजसेवा में गहरी संवेदनशीलता
डॉ. अखिलेश मिश्रा जी के जीवन में समाजसेवा का विशेष स्थान है। वे मानते हैं कि समाज में वास्तविक बदलाव लाने के लिए केवल प्रशासनिक कर्तव्यों का पालन पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाज के प्रति गहरी संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है। उन्होंने कई अवसरों पर जरूरतमंदों की सहायता की है और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया है। वे गरीबों और वंचितों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और उन्हें आवश्यक सहायता पहुँचाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। उनका दृष्टिकोण है कि समाज की सेवा करना एक प्रशासनिक अधिकारी का धर्म होना चाहिए, और वे इस धर्म का पूरी निष्ठा से पालन करते हैं।
डॉ. अखिलेश मिश्रा से मिलने वाली प्रेरणा
डॉ. मिश्रा जी का जीवन और कार्य हमें यह सिखाते हैं कि सच्ची सेवा और संवेदनशीलता किसी भी पद से ऊपर होती है। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने प्रशासनिक कार्यों को समाजसेवा का माध्यम बना लिया है। उनके प्रयास न केवल कठोर प्रशासनिक अधिकारी के रूप में शासन तंत्र को दुरुस्त रखने का कार्य करते हैं, बल्कि एक कोमल हृदय के अधिकारी के रूप में समाज के लोगों को नैतिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने का भी काम करते हैं। वे हमें यह भी सिखाते हैं कि एक प्रशासनिक अधिकारी का पद समाज में सेवा और जागरूकता लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है।डॉ. मिश्रा जैसे अधिकारी समाज को प्रेरणा देने का कार्य करते हैं और यह संदेश देते हैं कि जब एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करता है, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना संभव है। उनके जीवन की घटनाएँ और उनके कार्य हमें यह सिखाते हैं कि जब एक व्यक्ति अपने कर्तव्यों के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी महत्व देता है, तो वह समाज में सच्चा आदर्श बन जाता है। डॉ. अखिलेश मिश्रा जी का जीवन इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में उच्चतम आदर्शों की स्थापना कर सकता है और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकता है।
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संपादक : कात्यायनी सिंह