गोंडा, उत्तर प्रदेश। गोंडा जिले में अवैध रूप से संचालित मदरसों और मकतबों की गतिविधियों और उन्हें मिलने वाली फंडिंग की गहन जांच शुरू हो गई है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और उत्तर प्रदेश पुलिस की आतंकवाद निरोधक शाखा (ATS) इस जांच को संयुक्त रूप से अंजाम दे रही हैं।286 मकतब और 19 मदरसे रडार पर शब्द रंग की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में कुल 286 मकतब और 19 अवैध मदरसे जाँच के दायरे में हैं। इनमें से कोई भी संस्थान सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है। जांच एजेंसियां इन संस्थानों की फंडिंग, संचालन, और यहाँ पढ़ने-पढ़ाने वालों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटा रही हैं।
शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
इस जांच के लिए शासन द्वारा विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से मकतबों और मदरसों की सूची हासिल कर ली है। इस सूची के आधार पर पैसों के स्रोत और संचालन के तरीकों की पड़ताल की जा रही है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
प्रशासन और मदरसा संचालकों से सहयोग का आग्रह
गोंडा के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र ने जानकारी दी कि जांच एजेंसियों द्वारा मांगे गए दस्तावेज़ उपलब्ध करा दिए गए हैं। साथ ही, प्रशासन ने मकतब और मदरसा संचालकों को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। इन संचालकों से यह पूछा जाएगा कि उन्होंने अब तक मान्यता क्यों नहीं ली और ये संस्थान कब से और कैसे चलाए जा रहे हैं।
छात्रों और फंडिंग से जुड़े आंकड़े जुटाए जा रहे
जांच एजेंसियां इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या और इनके संचालन में आर्थिक मदद देने वालों की जानकारी एकत्र कर रही हैं। मकतबों और मदरसों को चंदा देने वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है, जिनसे बाद में पूछताछ की जाएगी।
मकतब और मदरसे में अंतर
गौरतलब है कि मकतब बच्चों को दीनी तालीम देने के लिए कोचिंग सेंटर की तरह काम करते हैं, जबकि मदरसों में डिग्री भी दी जाती है।इस जाँच में IB और ATS की सक्रियता से गोंडा जिले में अवैध मदरसों और मकतबों से जुड़े कई नए खुलासे होने की उम्मीद है।