
नई दिल्ली/मथुरा।27 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और कहा है कि उसने वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन से जुड़े एक निजी मुकदमे को “हाईजैक” कर लिया है। यह मामला मंदिर प्रबंधन को लेकर दो निजी पक्षों के बीच चल रहा था, जिसमें राज्य सरकार ने बीच में हस्तक्षेप किया।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी: कानून के शासन का उल्लंघन
न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा, “यदि राज्य सरकार निजी पक्षों के मुकदमे में इस तरह दखल देना शुरू कर देगी, तो यह कानून के शासन के खिलाफ होगा।”
राज्य की भूमिका पर उठे सवाल
पीठ ने सवाल उठाया कि:
* क्या राज्य कार्यवाही में कोई पक्ष था?
* किस अधिकार से राज्य ने हस्तक्षेप किया?
* क्या यह निजी अधिकारों में गैरकानूनी दखल नहीं है?
पुनर्विकास योजना से जुड़ा है विवाद
उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री बांके बिहारी मंदिर के लिए एक पुनर्विकास योजना प्रस्तावित की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पहले मंजूरी दी थी। अब इस आदेश में संशोधन की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी।
कोर्ट ने कहा- राज्य सरकार ने निजी मुकदमे को हाईजैक किया
कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि “आप दो पक्षों के बीच निजी मुकदमे को हाईजैक नहीं कर सकते। राज्य सरकार की ओर से अभियोग आवेदन दायर करना और निजी विवाद में कूद पड़ना स्वीकार्य नहीं है।”
मंदिर से जुड़ी संवेदनशीलता और आस्था
श्री बांके बिहारी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि वृंदावन के पर्यटन और सांस्कृतिक स्वरूप का भी केंद्र है। ऐसे में विवाद को लेकर राज्य की भूमिका पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग गया है।