Chaiti Chhat 2025शब्दरंग समाचार : बिहार की राजधानी पटना सहित प्रदेशभर में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। इस मौके पर पटना के 41 गंगा घाटों और 7 तालाबों पर हजारों व्रतियों ने भगवान सूर्य देव और छठी मइया को अर्घ्य अर्पित कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
सुबह 4 बजे से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। 36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद व्रतियों ने अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया। यह पर्व बिहार के अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में भी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया।
छठ पर्व का महत्व:
चैती छठ साल में मनाए जाने वाले दो छठ पर्वों में से एक है। दूसरा पर्व कार्तिक मास में मनाया जाता है, जिसे कार्तिकी छठ कहा जाता है। यह पर्व सूर्योपासना और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का प्रतीक है। व्रती महिलाएं कठिन व्रत रखकर अपने परिवार की आरोग्यता और समृद्धि की कामना करती हैं।
नोएडा-दिल्ली की व्रतियों को फिर हुई परेशानी:
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रहने वाली बिहार की महिलाओं को यमुना नदी के गंदे और कीचड़युक्त पानी के कारण इस बार भी भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। व्रती महिलाएं बदबूदार पानी और कीचड़ से होते हुए किसी तरह नदी किनारे पहुंचीं और अर्घ्य अर्पित किया। स्थानीय प्रशासन द्वारा साफ-सफाई के पर्याप्त इंतज़ाम न होने से नाराजगी भी देखी गई।
सादगी, संयम और श्रद्धा के इस पर्व ने एक बार फिर पूरे समाज को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। प्रशासन ने पटना सहित प्रमुख शहरों में सुरक्षा और साफ-सफाई के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। लेकिन दिल्ली-एनसीआर में मूलभूत सुविधाओं की कमी फिर से चर्चा का विषय बन गई।
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