क्रिस वुड का भारत में बड़ा दांव: DLF, RIL, Zomato और MakeMyTrip में बढ़ाया निवेश

 

Christopher wood
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नई दिल्ली, शब्दरंग समाचार: जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने अपने एशिया एक्स-जापान लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में बड़ा फेरबदल किया है। उन्होंने भारत में निवेश बढ़ाते हुए DLF, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), जोमैटो (Zomato) और MakeMyTrip में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार किया है।

वुड ने निवेशकों को लिखे अपने साप्ताहिक नोट “ग्रीड एंड फियर” (Greed & Fear) में सुझाव दिया कि निवेशकों को अमेरिकी शेयर बाजारों में हालिया तेजी पर मुनाफावसूली करनी चाहिए और निवेश का फोकस यूरोप, चीन और अन्य उभरते बाजारों में बढ़ाना चाहिए।

भारत में निवेश का नया रोडमैप

वुड ने भारतीय बाजारों में कुछ प्रमुख बदलाव किए हैं:

  1. गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties) से पूरी तरह निवेश हटा लिया।
  2. मैक्रोटेक डेवलपर्स (Macrotech Developers) में 1% निवेश बढ़ाकर कुल 4% किया।
  3. DLF लिमिटेड में 3% वेटेज के साथ नया निवेश जोड़ा।
  4. MakeMyTrip में 4% वेटेज के साथ निवेश किया, जिसके लिए एक्सिस बैंक से निवेश हटाया गया।
  5. जोमैटो में निवेश 1% बढ़ाया, जिसके लिए TSMC में वेटेज घटाया गया।
  6. रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) में निवेश 2% बढ़ाया, जबकि HDFC बैंक और SBI में निवेश 1-1% घटाया गया।

भारतीय शेयर बाजारों की जबरदस्त रिकवरी

हाल के हफ्तों में भारतीय शेयर बाजारों ने मजबूत वापसी की है। निफ्टी 50 6.6% उछलकर लगभग 23,600 के स्तर तक पहुंच गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSU) के शेयरों में भी जबरदस्त तेजी देखी गई, जिससे निफ्टी CPSE इंडेक्स 14% बढ़ गया।

मार्च 2025 में अब तक:

  • एनर्जी, मेटल, PSU बैंक, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑयल एंड गैस और रियल्टी सेक्टर्स ने 8% से 12% की बढ़त दर्ज की है।
  • ACE इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, रियल एस्टेट सेक्टर भी शानदार प्रदर्शन कर रहा है, जिससे DLF और मैक्रोटेक डेवलपर्स जैसी कंपनियों में निवेश बढ़ाया गया है।
  • अमेरिकी शेयर बाजार से दूरी, उभरते बाजारों में निवेश की सलाह

वुड का मानना है कि अमेरिकी शेयर बाजार अब भी तुलनात्मक रूप से महंगा है, और वहां की कॉरपोरेट कमाई की वृद्धि दर लगातार गिर रही है। इसके विपरीत, यूरोप, चीन और जापान में कॉरपोरेट अर्निंग्स में सकारात्मक सुधार हो रहा है।

उन्होंने लिखा, “अमेरिकी निवेशकों को अब अपने पोर्टफोलियो का विस्तार यूरोप और अन्य उभरते बाजारों में करना चाहिए।”

ग्लोबल फंड मैनेजर्स भी अमेरिकी शेयरों से पीछे हट रहे

वुड अकेले नहीं हैं। BofA सिक्योरिटीज के मार्च 2025 के फंड मैनेजर सर्वे के अनुसार:

  • अमेरिकी शेयरों में निवेश घटकर 23% अंडरवेट हो गया, जो जून 2023 के बाद सबसे निचला स्तर है।
  • मार्च में अमेरिकी इक्विटी में 40% की भारी गिरावट आई, जो अब तक की सबसे बड़ी मासिक गिरावट है।
  • यूरोप और उभरते बाजारों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है।

 

 

क्रिस वुड और अन्य बड़े निवेशकों की रणनीति से साफ है कि अमेरिकी बाजारों में अस्थिरता के कारण निवेशक अब भारत और अन्य उभरते बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। रिलायंस, DLF, जोमैटो और MakeMyTrip जैसे भारतीय स्टॉक्स में निवेश बढ़ाने का निर्णय भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसे को दर्शाता है।

 

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय शेयर बाजार इस निवेश ट्रेंड का फायदा उठाकर नए ऊंचाइयों को छू पाएगा।

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