
नई दिल्ली , शब्दरंग समाचार: पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद्य ने इस प्रकरण को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह सिर्फ एक जासूसी का मामला नहीं, बल्कि हमारे समाज और युवाओं की सोच, परवरिश और मूल्यों पर भी बड़ा सवाल है।
पूर्व डीजीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि जनवरी 2025 में ज्योति मल्होत्रा की पहलगाम यात्रा और उसके बाद पाक उच्चायोग से जुड़े दानिश नामक व्यक्ति से उसका रिश्ता, महज एक संयोग नहीं हो सकता। दानिश को भारत सरकार ने पहले ही “अवांछित” घोषित किया है और शक है कि वह ISI (इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस) के लिए काम करता है।
हनी ट्रैप और विदेशी फंडिंग का आरोप
खबरों के अनुसार, दानिश ने ज्योति को हनी ट्रैप में फंसाया, उसे उपहार दिए, पांच सितारा होटलों में ठहराया और इंडोनेशिया के बाली तक की यात्रा स्पॉन्सर की। यह भी दावा किया जा रहा है कि ज्योति ने दानिश के कहने पर पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियाँ मुहैया कराईं।
‘संस्कारों की कमी’ को बताया कारण
एसपी वैद्य ने आरोप लगाया कि हमारे समाज में युवा वर्ग में संस्कारों की कमी और पैसे की जल्दी लालसा ऐसी घटनाओं को जन्म देती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले केवल सुरक्षा एजेंसियों के ही नहीं, समाज के सांस्कृतिक विघटन का भी संकेत हैं।
ISI की रणनीति पर भी सवाल
वैद्य का कहना है कि पाकिस्तान स्थित उच्चायोग की यह रणनीति है कि भारत के प्रभावशाली यूट्यूबर्स को निशाना बनाया जाए – पहले उन्हें डिनर पर बुलाया जाए, फिर पाकिस्तान भ्रमण का न्योता दिया जाए, और अंततः फंडिंग और गिफ्ट्स के जरिए उनका ‘ब्रेनवॉश’ किया जाए।
जांच एजेंसियों की सख्ती जरूरी
उन्होंने जांच एजेंसियों से अपील की कि वे यह गहराई से जांच करें कि कहीं ज्योति ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी ऐसी जानकारी तो लीक नहीं की जो भविष्य में भारत के लिए खतरनाक साबित हो।
बता दें कि ज्योति मल्होत्रा के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से 8 अन्य यूट्यूबर्स को भी पाक एजेंट्स से संपर्क और जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया है।