मुम्बई की डेमोग्राफी बदली

मुम्बई (Shabddrang Samachar) : देश की प्रतिष्ठित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक अध्ययन रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि मुंबई शहर में अब से 26 साल बाद बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों के अवैध प्रवास के कारण हिंदू जनसंख्या वर्तमान प्रतिशत से घटकर मात्र 54% रह जाएगी और मुस्लिमों की आबादी बढ़कर 30% हो जाएगी।वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, मुंबई की 36 में से 18 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम अगर मालेगांव की तर्ज पर वोट करें तो भाजपा का जीतना असंभव हो सकता है। भाजपा की जीत-हार से मतलब न भी रखा जाए, तो भी हिंदुत्व के लिए यह एक गंभीर खतरा है। यदि भारत के हिंदुओं को पाकिस्तानी और बांग्लादेशी हिंदुओं की तरह जीना है, तो आंख बंद करके घर में छुपे रहिए। और आप कर भी क्या सकते हैं? यदि सभी मिलकर भाजपा को वोट भी दे दें, तो क्या होगा? भाजपा तो एक दशक से अधिक समय से सत्ता में है, पर उसने कितने बांग्लादेशियों को बाहर निकाला या कितने रोहिंग्या भगाए? एक भी नहीं। 1971 में आए बांग्लादेशी अब 10 करोड़ से भी अधिक हो गए हैं, उन्हें कहां भगाएंगे? कैसे भगाएंगे? न तो मोदी के पास इसका जवाब है और न ही किसी और के पास। बांग्लादेश का बॉर्डर पोरस है। क्या यह कोई तर्क है? बीएसएफ, सीआरपीएफ और न जाने कितनी पैरा-मिलिट्री फोर्सेस बन चुकी हैं। क्या ये सिर्फ “जय हिंद” कहने के लिए हैं?कश्मीर, पाकिस्तान के बॉर्डर और नक्सली इलाकों को छोड़ दें, तो क्या इनकी बंदूकें कहीं चलती हैं? पूर्वी पाकिस्तान का नाम बदलकर बांग्लादेश कर देने से क्या हमारी सेना की सक्रियता में कमी आ गई है? पूर्वी पाकिस्तान से तो घुसपैठ नहीं होती थी, पाकिस्तान से नहीं होती, तो बांग्लादेश से क्यों हो रही है?यदि सियाचिन पर जितना संसाधन खर्च होता है, उसका 25% भी बांग्लादेशियों को रोकने पर खर्च किया जाए, तो स्थिति लाइलाज होने से बचाई जा सकती है। पेट्रोल और डीजल पर मात्र एक रुपया कर बढ़ाकर एक अलग फोर्स बनाई जाए, और “देखते ही गोली मारने” का आदेश दिया जाए। देखिए, कैसे घुसपैठ रुकती है। यह कोई नई बात नहीं है। हम पाकिस्तानियों को मार देते हैं; कौन सा मुसलमान इसका विरोध करता है? कोई नहीं। घुसपैठियों को मारिए, कोई कुछ नहीं कहेगा।वोट के नाम पर लोगों को गुमराह न करें कि “वोट जिहाद” चल रहा है। असली मुद्दा यह है कि आपकी सरकार में ऐसा क्यों हो रहा है? नसबंदी कौन कराएगा? जनसंख्या नियंत्रण कौन करेगा? भ्रष्ट अधिकारियों को जेल कौन भेजेगा जो फर्जी राशन कार्ड और वोटर कार्ड बनवा रहे हैं? बीएसएफ के कितने डीजी सस्पेंड किए आपने? एक भी नहीं। अगर ममता जी ने बंगाल की जनसांख्यिकी बदल दी, तो आपने ममता को क्यों नहीं बदल दिया? यदि राज्य सरकारों पर नियंत्रण के लिए आपके पास कोई कानून नहीं है, तो संविधान में संशोधन क्यों नहीं किया?इसलिए चुनाव के समय रोइए मत। अगर कल को भारत मुस्लिम देश बनता है, तो जितने कांग्रेसी और वामपंथी जिम्मेदार होंगे, उतने ही आप भी होंगे।

प्रधान संपादक: राजेश कुमार

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