शब्दरंग संवाददाता: मुंबई में सीबीआई ने रिश्वतखोरी के आरोप में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के दो वरिष्ठ अधिकारियों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन (एसईईपीजेड) में की गई, जहां ये अधिकारी तैनात थे।गिरफ्तार किए गए लोग।
गिरफ्तार लोगों में शामिल हैं:
1. सीपीएस चौहान: संयुक्त विकास आयुक्त
2. प्रसाद वरवंतकर: उप विकास आयुक्त
3. दो सहायक विकास आयुक्त
4. तीन अन्य बिचौलिए
आरोप और बरामदगी
सीबीआई के मुताबिक, इन अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने बिचौलियों के माध्यम से अवैध रूप से रिश्वत के पैसे लिए।
कार्रवाई के दौरान:
25 संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए, जिनकी अनुमानित कीमत 40 करोड़ रुपये है।सात आरोपियों के घरों से तलाशी में 50 लाख रुपये नकद बरामद हुए।इनमें से 40 लाख रुपये सहायक विकास आयुक्त रेखा नायर के घर से मिले।
सीबीआई की जांच
सीबीआई ने मंगलवार से यह अभियान शुरू किया था। जांच के तहत आरोपियों के घरों और कार्यालयों की तलाशी ली गई। बताया गया है कि गिरफ्तार अधिकारियों ने अवैध लेन-देन के जरिए बड़ी संपत्ति अर्जित की थी।
भ्रष्टाचार का नेटवर्क
सीबीआई का दावा है कि यह रिश्वतखोरी बिचौलियों के एक समूह के जरिए की जा रही थी। अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए व्यवसायिक लाभ पहुंचाने के बदले में अवैध धन स्वीकार कर रहे थे।
अगली कार्रवाई
सीबीआई गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस मामले में और भी संपत्तियों और लेन-देन की जांच की जा रही है। फिलहाल, गिरफ्तार अधिकारियों और अन्य संदिग्धों के परिजनों या परिचितों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यह मामला सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार के एक बड़े नेटवर्क को उजागर करता है। सीबीआई की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कदम माना जा रहा है।