शब्दरंग। संवाददाता। पाकिस्तानियों के लिए यूएई वीज़ा पर सख़्ती
पृष्ठभूमि
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) लंबे समय से पाकिस्तानियों के लिए रोजगार और आय का प्रमुख स्रोत रहा है। करीब 18 लाख पाकिस्तानी यूएई में काम कर रहे हैं, जिन्होंने 2024 में लगभग 5.5 अरब डॉलर स्वदेश भेजे। लेकिन हाल के वर्षों में यूएई ने पाकिस्तानियों के वीज़ा आवेदन खारिज करने की प्रवृत्ति दिखाई है।
मुख्य कारण
1. भिखारियों की बढ़ती संख्या:
यूएई ने पाकिस्तान से आने वाले पर्यटकों और प्रवासियों में भिखारियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यूएई में गिरफ्तार भिखारियों में से 90% पाकिस्तानी मूल के हैं।
2. अपराध दर और अवैध प्रवास:
यूएई में पाकिस्तानी मूल के लोगों द्वारा अपराधों की बढ़ती संख्या को एक कारण बताया गया है।अवैध रूप से रह रहे लोगों की संख्या भी यूएई के लिए चिंता का विषय है।
3. अशिक्षित और अकुशल कामगार:
पाकिस्तान से आने वाले प्रवासी ज्यादातर मज़दूर वर्ग के हैं, जबकि यूएई अब स्किल्ड और प्रोफेशनल्स को प्राथमिकता दे रहा है।भारतीय प्रवासियों की तुलना में पाकिस्तानियों की शिक्षा और पेशेवर कौशल कमतर माने जा रहे हैं।
4. मज़हबी और सांस्कृतिक असमानता:
यूएई के अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तानी प्रवासी मज़हबी बहसों में ज्यादा उलझते हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है।पाकिस्तानियों के पहनावे और व्यवहार को यूएई के सांस्कृतिक मानकों से मेल न खाने वाला माना गया है।
5. सोशल मीडिया गतिविधियां:
यूएई में पाकिस्तानियों द्वारा स्थानीय नीतियों की आलोचना और विरोध-प्रदर्शन करने की घटनाओं ने भी वीज़ा प्रक्रियाओं को सख्त किया है।
6. ओवररिप्रेज़ेंटेशन:
यूएई प्रशासन का मानना है कि कुछ देशों के प्रवासी यहां अधिक संख्या में हैं, जिससे संतुलन बिगड़ रहा है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान सरकार ने वीज़ा समस्याओं को हल करने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया है।पाकिस्तानी राजदूतों ने यूएई अधिकारियों से इस मुद्दे पर बातचीत की है।
भारतीय प्रवासियों की स्थिति
भारतीय प्रवासियों की संख्या (35 लाख) और उनके योगदान (124 अरब डॉलर) के मद्देनजर, उन्हें वीज़ा प्रक्रियाओं में प्राथमिकता दी जाती है।भारतीय प्रवासियों की पेशेवर दक्षता और गैर-विवादास्पद व्यवहार यूएई के साथ उनके संबंधों को बेहतर बनाता है।
यूएई की वीज़ा नीतियों में सख़्ती पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती है। यह न केवल आर्थिक रूप से पाकिस्तान को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इसके सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी दिखाई दे रहे हैं। वीज़ा आवेदनों में सुधार और प्रवासियों के व्यवहार को बदलकर पाकिस्तान इस स्थिति को बेहतर कर सकता है।