
नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025, शब्दरंग समाचार: बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (SIR) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में एक अहम अंतरिम आदेश देते हुए चुनाव आयोग को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह उन 65 लाख मतदाताओं की सूची सार्वजनिक करे, जिन्हें ड्राफ़्ट वोटर लिस्ट से बाहर रखा गया है।
बूथवार जानकारी और EPIC नंबर से खोजने की सुविधा
अदालत ने कहा कि यह सूची बूथवार उपलब्ध कराई जाए और मतदाता अपने ईपीआईसी नंबर (EPIC No.) के आधार पर नाम खोज सकें। सुप्रीम कोर्ट ने यह लिस्ट 19 अगस्त, शाम 5 बजे तक प्रकाशित करने का समय दिया है।
नाम हटाने का कारण भी बताना होगा
चुनाव आयोग को यह भी स्पष्ट करना होगा कि इन मतदाताओं के नाम ड्राफ़्ट लिस्ट में क्यों शामिल नहीं किए गए। इसके पीछे के कारणों का ज़िक्र अनिवार्य होगा।
एसआईआर दस्तावेज़ों में आधार अनिवार्य
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एसआईआर प्रक्रिया से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज़ों में आधार कार्ड को भी शामिल किया जाए।यह आदेश ऐसे समय आया है जब बिहार में SIR प्रक्रिया को लेकर विवाद बढ़ गया है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि बड़ी संख्या में वैध मतदाताओं के नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं, जिससे लोकतांत्रिक अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।-
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल – क्या यह कदम मतदाताओं का भरोसा बहाल करेगा, या बिहार में चुनावी प्रक्रिया को लेकर विवाद और गहराएगा?