उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही, चार की मौत और 50 से ज़्यादा लोग लापता

शब्दरंग समाचार, 6 अगस्त 2025: उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में मंगलवार को हर्षिल क्षेत्र के खीर गंगा गदेरे में बादल फटने से भीषण तबाही मच गई। अचानक जलस्तर बढ़ने से धराली गांव में भारी नुक़सान हुआ।उत्तरकाशी के ज़िलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि अब तक की जानकारी के अनुसार चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई संपत्तियां नष्ट हो गई हैं। वहीं, डीआईजी एनडीआरएफ़ मोहसेन शाहेदी ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक़ 40 से 50 घर बह गए हैं और 50 से ज़्यादा लोग लापता हैं।चश्मदीदों का बयानधराली की रहने वाली आस्था ने बताया कि हादसे से पहले कोई चेतावनी नहीं दी गई थी।

उन्होंने कहा, “हमें कोई वॉर्निंग नहीं मिली। छुट्टियां भी नहीं थीं। हम छत पर गए तो देखा कि सब कुछ तबाह हो चुका था। बड़ा बाज़ार, होटल और यहां तक कि कल्प केदार मंदिर भी नज़र नहीं आ रहा।”

आस्था ने यह भी बताया कि गांव के लोग एक स्थानीय पूजा की तैयारी कर रहे थे।, “अगर हादसा 4 अगस्त की रात हुआ होता, जब पूरा गांव पूजा में शामिल था, तो और भी बड़ी तबाही होती।”

सेना और बचाव कार्य

धराली से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित आर्मी कैंप पर भी असर पड़ा है। ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लों ने बताया कि हर्षिल पोस्ट पर तैनात सेना की टुकड़ी 10 मिनट में मौके पर पहुंच गई और अब तक करीब 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

एनडीआरएफ़ और आईटीबीपी की कई टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वे हालात पर लगातार निगरानी रख रहे हैं और हरसंभव मदद सुनिश्चित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर संवेदना जताई और कहा कि “राहत और बचाव कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आईटीबीपी की तीन और एनडीआरएफ़ की चार टीमों को प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है।

राहुल गांधी ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रभावितों की मदद करने की अपील की।धराली गंगोत्री के रास्ते पर स्थित होने के कारण यह क्षेत्र चारधाम यात्रा से भी जुड़ा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई होटल और बाज़ार पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। प्रभावित इलाकों को खाली कराया जा रहा है और लोगों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भेजा जा रहा है ताकि रात में बारिश होने पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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