
लखनऊ।14 मई 2025, शब्दरंग समाचार:
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में कुपोषण की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। “अनुपूरक पुष्टाहार योजना हेतु टॉप-अप व्यवस्था” नाम से एक नई पहल की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत 51.89 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई।
क्या है टॉप-अप व्यवस्था?
टॉप-अप व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नैफेड द्वारा वितरित पुष्टाहार की बढ़ती लागत के कारण बच्चों और महिलाओं को मिलने वाले पोषण में कोई कमी न हो। यदि आपूर्ति लागत भारत सरकार के निर्धारित मानकों से अधिक हो जाती है, तो राज्य सरकार यह अतिरिक्त लागत स्वयं वहन करेगी।
किन्हें मिलेगा लाभ?
इस योजना के तहत निम्न लाभार्थी शामिल हैं:
* 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चे
* गर्भवती एवं धात्री महिलाएं
* 14 से 18 वर्ष की किशोरियां
इन सभी को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से फोर्टिफाइड गेहूं, दलिया, दालें और खाद्य तेल जैसी पोषक सामग्री नियमित रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।
नैफेड आपूर्ति और बढ़ती लागत की चुनौती
राज्य सरकार ने अंतरिम तौर पर नैफेड को पुष्टाहार आपूर्ति की जिम्मेदारी दी है। हालांकि, चना, मसूर दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से लागत में वृद्धि हुई है। भारत सरकार के 2017 के लागत मानकों को पार कर चुकी इस लागत को पूरा करने के लिए टॉप-अप फंड का गठन किया गया।
वित्तीय प्रावधान: 51.89 करोड़ का आवंटन
वित्तीय वर्ष 2024-25 की दो तिमाहियों के लिए राशि इस प्रकार आवंटित की गई है:
* तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024): ₹25.92 करोड़
* चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025): ₹25.97 करोड़
कुल : ₹51.89 करोड़
फंडिंग और लचीलापन: क्या होगा अगर कीमतें और बढ़ें?
यदि भविष्य में नैफेड की लागत और बढ़ती है, तो सरकार टॉप-अप फंड के माध्यम से अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराएगी। यदि किसी सामग्री की आपूर्ति संभव नहीं होती, तो उसकी जगह समान पोषण सामग्री शामिल की जाएगी। इस प्रक्रिया में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा।